सार

राजस्थान के सीकर जिले में शनिवार के दिन दर्दनाक हादसा हुआ। यहां छोटे भाइयों को स्कूल छोड़ने जा रही छात्रा को रोडवेज की बस ने कुचल दिया। घटना के बाद गुस्साए लोगों ने चक्का जाम कर दिया। 2 घंटों तक पुलिस आक्रोशित ग्रामीणों को शांत करने में लगी रही।

सीकर (sikar). राजस्थान के सीकर जिले में शनिवार की सुबह एक दर्दनाक हादसा हुआ। हादसा इतना भीषण था कि पीड़िता की मौके पर ही मौत हो गई। घटना के विरोध में लोगों ने करीब 2 घंटों तक जाम लगा दिया। दरअसल यहां एक छात्रा को रोडवेज की बस ने टक्कर मार दी थी। घंटों समझाने के बाद पुलिस ने जाम को खुलवाया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम कराने के लिए नजदीक के हॉस्पिटल भिजवा दिया है। पीएम के बाद बॉडी घर वालों को सौंप दी जाएगी। मामला जिले के दूजोद गांव का है। सदर थाना पुलिस मामले की जांच कर रही है।

छोटे भाईयों को छोड़कर लौट रही थी नाबालिग, बस ने उड़ाया
घटना की जानकारी देते हुए सदर थाना पुलिस ने बताया कि दूजोद गांव की रहने वाली एक छात्रा सुबह 9 बजे के आसपास अपने दो छोटे भाइयों को जो कि महात्मा गांधी सरकारी स्कूल में पढ़ते है वहां छोड़ने के लिए गई थी वहां से लौटते समय जिले से जोधपुर को जा रही राजस्थान रोडवेज की तेज रफ्तार बस ने उसे टक्कर मार दी। हादसा इतना भीषण था कि बालिका हवा में उड़ गई और गंभीर घायल हो गई। उसकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना को देखने के बाद लोगों में आक्रोश की लहर फैल गई। पीड़िता की पहचान नाजिया बानो ( 15 वर्ष) के रूप में हुई।

लोगों ने किया ट्रैफिक जाम, मांगों को लेकर धरने पर बैठे
घटना के बाद से ग्रामीण घुस्से में आ गए और वहां जाम लगा धरने पर बैठ गए। गुस्साए लोगों का कहना था कि इससे पहले भी कई बार यहां एक्सीडेंट की स्थिति बन चुकी थी, क्योंकि बस वाले तेजी से वाहन चला कर ले जाते है और पास में ही विद्यालय है। इसके चलते ही प्रशासन से इस हालात के बारे में बताते हुए स्पीड ब्रेकर बनाने की मांग की गई थी पर किसी ने नहीं सुना। यदि यहां पर ब्रेकर बना होता तो बालिका की इस तरह से जान नहीं जाती।

स्पीड ब्रेकर व परिवार के लिए मुआवजे की मांग की
बच्ची की जान जान जाने के बाद गांव के सरपंच सहित गुस्साए ग्रामीणों ने वहीं सड़क पर धरना देकर बैठ गए और जाम लगा दिया। इस दौरान उन्होंने पीड़ित परिवार को संविदा पर नौकरी और 25 लाख मुआवजे की मांग सरकार के सामने रखी। इसके अलावा स्कूल के सामने ब्रेकर बनवाने की सहमति बनी तब जाकर जाम खुला। इस दौरान पुलिस अधिकारियों  को खासी मशक्कत करनी पड़ी। सरपंच ने बताया कि मृतका के परिवार की आर्थिक हालत अच्छी नहीं है। पिता बीमार रहते है। मृतका के 5 भाई बहन है।

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