सार
28 जून को उदयपुर में हुए टेलर कन्हैयालाल की बर्बर मर्डर के बाद पूरे राजस्थान में विभिन्न व्यापारिक संगठनों के साथ, अलग- अलग समाज जनों ने विरोध के रूप में बंद का ऐलान किया था। जिसका असर अब पूरे प्रदेश में देखने को मिल रहा है। शुक्रवार को भी सीकर बंद रहा। सिर्फ इमरजेंसी सुविधाएं चालू रही।
सीकर (sikar). राजस्थान के उदयपुर शहर में टेलर कन्हैयालाल के बर्बर हत्याकांड के विरोध में आज सीकर शहर पूर्ण बंद है। हिंदूवादी संगठनों ने गुरुवार 30 जून की शाम को ही बैठक कर बंद की घोषणा की थी। जिसे शहर के कई व्यापारिक व सामाजिक संगठनों ने समर्थन दिया है। बंद का असर शुक्रवार को सुबह से ही दिखना शुरू हो गया। बाजार के अलावा गली- कॉलोनियों की दुकानें तक व्यापारियों ने नहीं खोली। जिससे हर ओर सन्नाटा पसरा हुआ है। उधर, विभिन्न संगठनों ने रात को माइक से सीकर बंद का ऐलान करवाने के बाद सुबह भी टोलियां बनाकर व्यापारियों को बंद के लिए समझाइश की। हत्याकांड के विरोध में जमकर नारे भी लगाए।
स्कूल, कॉलेज भी बंद, केवल आपातकालीन सेवाएं शुरू
बंद को शिक्षण संस्थानों का भी सहयोग मिला है। शहर में शुक्रवार को एक भी स्कूल, कॉलेज नहीं खुले। बंद को समर्थन देते हुए टीचिंग इंस्टीट्यूट्स ने भी गुरुवार रात को ही शिक्षण नहीं करने का फैसला लेते हुए पैरेंटस को मोबाइल पर मैसेज भेज दिए थे। जिसके चलते शिक्षा नगरी की चहल पहल भी आज नहीं दिखी। बंद के दौरान केवल अस्पताल, मेडिकल स्टोर व पेट्रोल पंप व कुछ अन्य आपातकालीन सेवाएं ही चालू है।
इन संगठनों ने दिया समर्थन
हत्याकांड के विरोध में बंद की पहल हिंदू संगठनों ने की थी। जिसे बाद में विभिन्न संगठनों ने समर्थन दिया। इनमें श्री विश्वकर्मा चेतना मंच, श्री राजपूत सभा, अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलर्न, सैनी समाज संस्था, लघु उद्योग भारती, श्री मानव सेवा संस्थान, रावणा राजपूत सभा समिति, सिंधी समाज सहित कई संगठनों ने रात को ही बंद में सहयोग की घोषणा कर दी थी।
चप्पे- चप्पे पर पुलिस, चार को मौन जुलूस
सीकर बंद के दौरान शहर में जगह जगह पर पुलिस की तैनाती की गई है। जो पूरी मुस्तैदी से हर घटनाक्रम पर नजर रख रही है। इस बीच विभिन्न संगठनों ने चार जुलाई को शहर में मौन जुलूस निकालने की तैयारी भी कर ली है। जो रामलीला मैदान से कलेक्ट्रेट तक निकाला जाएगा। जिसमें जिले के कई साधु संत सहित विभिन्न संगठनों के लोग शामिल होंगे।