सार

कहा जाता है कि बुरी नजर से बचाने के लिए बच्चों को काला टीका लगाया जाता है। लेकिन भारत में ज्यादातर महिलाएं नवजात शिशु को काला टीका लगा देतीं है और ये सुनिश्चित भी करती हैं कि अब बच्चे को नजर नहीं लगेगी।

रिलेशनशिप डेस्क। आपने कई बार छोटे बच्चों को उनके माथे के बांयीं ओर काला टीका लगाते हुए देखा होगा। कहा जाता है कि बुरी नजर से बचाने के लिए बच्चों को काला टीका लगाया जाता है। लेकिन भारत में ज्यादातर महिलाएं नवजात शिशु को काला टीका लगा देतीं है और ये सुनिश्चित भी करती हैं कि अब बच्चे को नजर नहीं लगेगी। लेकिन क्या आपको सच में लगता है कि बुरी नजर जैसी कोई चीज होती भी है। अगर होती है तो वास्तव में वो हमारे लिए क्या मुश्किलें लाती है। और विज्ञान क्या कहता है। 

बुरी नजर क्या है?
वास्तव में बुरी नजर एक नेगिटिव एनर्जी है। जैसे ही बच्चे इस एनर्जी के संपर्क में आते हैं तो वो नेगिटिव एनर्जी बच्चे को नुकसान पहुंचाती है। बच्चे बहुते सेंसिटिव होते हैं तो उन्हें नजर लगने का ज्यादा डर रहता है।  वहीं विज्ञान इस थ्योरी को नकारता है विज्ञान का कहना है कि  मनुष्‍य की आंख से ऐसी कोई हानिकारक रेडिएशन नहीं निकलती है जिससे किसी को कोई नुकसान पहुंच सके।

पुराने लोग क्या कहते हैं?
जो लोग नजर जैसी चीजों को मानते हैं उनका कहना है कि जब आपसे कोई ईर्ष्‍या या जलन रखने वाला व्यक्ति आपको घूरता है तो यही बुरी नजर है जो आपको नुकसान पहुंचा सकती है। छोटे बच्चों को नजर लगने के पीछे भी वे यही कारण बताते हैं। और काला टीका लगाकर रखते हैं। कहा जाता है कि काला टीका लगाने से बुरी नजर बच्चे तक नहीं पहुंचती है। 

नजर लगने पर क्या होता है?
अक्सर देखा जाता है कि बच्चा लगातार रो रहा है। चिड़चिड़ा हो रहा है ना खा रहा है हना पी रहा है ना सो रहा है। ऐसे में अंदाजा लगाया जाता है कि बिना तकलीफ के अगर बच्चा लगातार रो रहा है तो उसको नजर लगने का अनुमान होता है। गांव में कई तरह के टोटके कर नजर को हटाया भी जाता है। लेकिन डॉक्‍टर नजर को नहीं मानते हैं उनका कहना है कि ये सब समस्‍याएं मेडिकल कारणों से होती हैं। हालांकि एक मां होने के नाते दवा देने के बाद भी बच्चे को आराम नहीं मिल रहा है तो आप नजर पर भरोसा कर सकती हैं लेकिन साथ ही मेडिकल मदद भी जारी रखें।