सार

व्यस्त जीवनशैली की वजह से आजकल लोग बच्चों के साथ बहुत कम समय बिता पाते हैं। इससे बच्चों के विकास पर सही असर नहीं पड़ता। अगर हम बच्चों के साथ थोड़ा वक्त बिताएं तो उनसे कई अच्छी बातें सीखने को मिल सकती हैं।

रिलेशनशिप डेस्क। व्यस्त जीवनशैली की वजह से आजकल लोग बच्चों के साथ बहुत कम समय बिता पाते हैं। इससे बच्चों के विकास पर सही असर नहीं पड़ता। स्कूल से लौटकर बच्चे या तो अकेले बैठे टीवी देखते रहते हैं या किसी गेम में बिजी हो जाते हैं। आजकल ज्यादातर बच्चे ऑनलाइन गेम खेलने लगे हैं, जिसका असर उनके दिलो-दिमाग पर सही नहीं पड़ता। बच्चों का विकास ठीक से हो सके, इसलिए उनके साथ थोड़ा वक्त बिताना हर पेरेंट के लिए जरूरी है। बच्चों का मन बेहद कोमल होता है और उनमें क्रिएटिविटी भी काफी होती है। खास बात यह है कि उनसे हमें कई अच्छी बातें सीखने को मिल सकती हैं। जानते हैं इनके बारे में।

1. सभी से प्यार
बच्चों का स्वभाव ऐसा होता है कि वे किसी के साथ भेदभाव नहीं करते। उनका दिल साफ होता है। वे अपने-पराए में भेद नहीं करते और सबका मुस्कुरा कर स्वागत करते हैं। जो उनसे प्यार करता है, वे उसके हो जाते हैं। यह कोई मामूली गुण नहीं है। अगर बच्चों के स्वभाव की यह बात हम अपना लें तो हमारे अंदर कई सकारात्मक बदलाव आ जाएंगे और हमारा व्यक्तित्व बदल जाएगा।

2. सीखने की प्रवृत्ति
बच्चों में किसी भी बात को जानने और सीखने की प्रवृत्ति बहुत ज्यादा होती है। वे जो नहीं जानते, उसके बारे में बार-बार सवाल करते हैं और नई बातें जानना चाहते हैं। अगर आप बच्चों के साथ समय बिताएंगे तो वे आपसे कई बातों के बारे में पूछेंगे। हो सकता है, उनके कुछ सवालों का जवाब आप नहीं दे सकें। लेकिन इससे आपमें भी नई बातों को जानने की उत्सुकता बढ़ेगी।

3. मनपसंद काम करना
बच्चे दबाव में जल्दी कोई काम नहीं करते। वे मनपसंद काम ही करना चाहते हैं। बच्चों पर किसी काम करने का ज्यादा दबाव डालना भी नहीं चाहिए। किसी काम को करना क्यों जरूरी है, यह समझा देने पर वे उस काम को करने की जरूर कोशिश करते हैं। लेकिन बड़े लोग अक्सर किसी न किसी दबाव में ही काम करते हैं। हम बच्चों से यह सीख सकते हैं कि किसी काम को कैसे अपनी पसंद से करना चाहिए। इससे काम अच्छा होता है और उसमें परफेक्शन आता है।

4. मन की बात साफ कहना
बच्चों का स्वभाव ही ऐसा होता है कि वे अपने दिल में कोई बात दबा कर नहीं रखते, बल्कि उसे जाहिर कर देते हैं। वे किसी बात को छुपाना भी नहीं जानते। वहीं, बड़े लोग कई बातें मन में ही दबाए रखते हैं। इससे उनमें कुंठा पैदा हो जाती है। बच्चों से हम यह सीख सकते हैं कि किसी भी बात को मन में गांठ बना कर नहीं रखें, बल्कि सच को साफ-साफ कह दें।

5. मामूली बातों को भूलना
बच्चे मामूली बातों को आसानी से भूल जाते हैं, लेकिन जो अच्छी बातें होती हैं, उन्हें जीवन भर नहीं भूलते। भूल जाने के कारण अगर किसी ने बच्चों के साथ कभी कोई गलत व्यवहार किया हो तो उसे लेकर मन में न तो मलाल रखते हैं और न ही बदले की भावना। लेकिन बड़े ऐसी बातों को नहीं भूल पाते और इससे परेशान रहते हैं। बच्चों से हम यह सीख सकते हैं कि अगर किसी ने कोई गलती कर दी हो तो उसे माफ कर देना चाहिए, न कि मन में गांठ रखनी चाहिए।