सार

कई बार पति-पत्नी तलाक लेने का फैसला तो कर लेते हैं लेकिन इसका सबसे ज्यादा बुरा असर बच्चों पर पड़ता है, जो इसे समझ नहीं पाते हैं। तो हम आपको बताते हैं कि उन्हें किस तरह से समझाना चाहिए, ताकि इसका नेगेटिव असर बच्चे पर ना पड़े।

रिलेशनशिप डेस्क : जरूरी नहीं कि हम जिससे प्यार करें, जिससे शादी करें उसके साथ अपनी पूरी जिंदगी बिता पाए। कई बार आपसी अनबन,मनमुटाव और अन्य कारणों के चलते पति-पत्नी अलग होने का फैसला कर लेते हैं और एक दूसरे को तलाक यानी कि डिवोर्स दे देते हैं। हालांकि, यह बहुत ही कठिन और नाजुक फैसला होता है, क्योंकि उनके इस फैसले से पूरा परिवार बिगड़ जाता है। खासकर सबसे ज्यादा असर मां-बाप के डिवोर्स का अगर किसी पर पड़ता है तो वह होते हैं बच्चे। साइकोलॉजिकल रूप से बच्चों को मां-बाप के तलाक से बहुत बड़ा आघात होता है। ऐसे में सबसे ज्यादा जरूरी होता है कि बच्चे को किस तरह से संभाला जाए ताकि वह इस नेगेटिविटी से दूर रहे...

बच्चों के साथ बातचीत करना शुरू करें 
अगर आपका बच्चा टीनएजर है तो आप बच्चे के सामने बैठकर शांत मन से बात करें या अलग से उन्हें समझाने के लिए योजना बनाएं कि आपको अपने तलाक के बारे में उसे किस तरह से बताना है, ताकि उसके दिमाग में मां या बाप की नेगेटिव इमेज ना बने और वह मां-बाप के इस फैसले को गलत ना समझे।

खुलकर बात करें 
जब आप अपने बच्चे से अपने दिल की बात खुलकर करेंगे और उन्हें बताने की कोशिश करेंगे कि आप दोनों के बीच में क्या मिसअंडरस्टैंडिंग चल रही है और क्यों आप तलाक लेने का फैसला ले रहे हैं, तो बच्चा उसे समझने की कोशिश करेगा। लेकिन अगर आप उस फैसले को उस पर थोप देंगे, यानी कि सीधे सिर्फ यह कह देंगे कि हम तलाक ले रहे हैं, तो इसका नेगेटिव बच्चे पर पड़ सकता है।

तलाक के बाद की जिंदगी को समझाएं 
पति-पत्नी के तलाक के बाद उनकी जिंदगी कैसे होने वाली है इसके लिए बच्चे को पहले से ही तैयार कर लें, ताकि वो अकेलापन महसूस ना करें। उसके साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताना शुरू करें, उसे खुश रखने की कोशिश करें ताकि उसे लगे कि वह अपने माता-पिता के अलग होने पर अकेला नहीं होगा उसके साथ कोई ना कोई जरूर रहेगा।

बच्चे के गुस्से या डर को समझने की कोशिश करें 
हो सकता है कि तलाक की बात सुनकर आपका बच्चा गुस्सा करें या डर जाए, ऐसे में उसकी छोटी-छोटी चीजों को समझने की कोशिश करें और उसके सभी सवालों का जवाब दें। अगर आप उसकी बातों को टाल देंगे या उसे चुप रहने के लिए कह देंगे, तो इसका नेगेटिव असर बच्चे और मां बाप की जिंदगी पर भी पड़ता है।

बच्चे को फैसला लेने का समय दें 
जब आप अपने बच्चे को अपने तलाक की बात बताएं तो उसके बाद उससे जल्दबाजी की उम्मीद ना करें। कोई भी फैसला लेने के लिए उसे समय दें। उसके दिल की बात जाने उसकी चिंताओं को समझने की कोशिश करें और फिर नतीजे पर पहुंचे।

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