सार
पेरेंट्स को सबसे बड़ा शॉक तब लगता है जब उन्हें पता चलता है कि उनका टीनएजर बच्चा किसी से प्यार करने लगा है। ऐसे में उसके रिलेशनशिप को कैसे डील करना चाहिए आइए हम आपको बताते हैं।
रिलेशनशिप डेस्क : हमारे समाज में आज भी कई जगह अफेयर करना या लड़का-लड़की का एक दूसरे से प्यार करना अच्छा नहीं माना जाता और खासकर भारतीय पेरेंट्स इस बात को जानकर और शॉक्ड हो जाते हैं जब उन्हें पता चलता है कि उनका 14-15 साल का बच्चा किसी को प्यार करने लगा है। ऐसे में अधिकतर पेरेंट्स गुस्सा हो जाते हैं। अपने बच्चों को सजा देते हैं, उनका बाहर आना-जाना बंद करवा देते हैं और कई बार तो उन पर हाथ भी उठा देते हैं। ऐसे में इस चीज को सही तरीके से डील करना बहुत ही जरूरी होता है। आइए आज हम आपको बताते हैं कि टीनएज लव और उनके रिलेशनशिप को पेरेंट्स को किस तरह से एक्सेप्ट करना चाहिए और कैसे उन्हें समझाना चाहिए....
क्या करें जब पता चले कि बच्चे का है अफेयर
अगर बच्चे के रिलेशन के बारे में आपको पता चलता है, तो गुस्सा करने के बजाय आप सबसे पहले खुद को शांत करें, क्योंकि गुस्सा आप दोनों के रिश्ते को खराब कर सकता है। टीनएज एक ऐसी उम्र होती है जिसमें आप डरा धमका कर अपने बच्चे से अपनी बात नहीं बनवा सकते हैं। कुछ समय पहले बेंगलुरु में भी एक ऐसा मामला सामने आया था जहां पेरेंट्स को बेटी के रिलेशनशिप के बारे में पता चलने पर उन्होंने बच्ची का फोन छीन लिया था और उसका बाहर जाना भी बंद कर दिया था। ऐसे में 15 साल की लड़की ने अपने 19 साल के बॉयफ्रेंड के साथ मिलकर पिता का मर्डर करवा दिया था, क्योंकि उसके पिता को उसका रिलेशनशिप बिल्कुल पसंद नहीं था।
ऐसा माहौल बनाएं कि बच्चा आपको खुद बताएं
पेरेंट्स को हमेशा कोशिश करनी चाहिए कि घर का माहौल ऐसा हो कि बच्चे खुलकर अपनी बात आपको बता सकें। माता-पिता के लिए भी जरूरी है कि वह बच्चे की बात को समझे उन्हें प्यार से चीजों को समझाएं। टीनएज में बच्चों का अफेयर होना या लड़का-लड़की का एक दूसरे की तरफ आकर्षित होना बहुत आम बात है। ऐसे में आपको उन्हें यह समझाने की जरूरत है कि इसके पॉजिटिव और नेगेटिव असर क्या होते हैं।
रिलेशनशिप की दे मंजूरी
जब माता-पिता को अपने टीनएजर बच्चे के रिलेशनशिप के बारे में पता चले तो सीधे इंकार करने के बजाय आप उसे प्यार से समझाएं और उसे खुद को डिसीजन लेने दे कि उसे आखिर करना क्या है। अगर आप अपने बच्चे के रिलेशनशिप को लेकर परेशान है तो आप किसी बड़े व्यक्ति की सलाह ले सकते हैं और शांत मन से आपको चीजों को समझने की कोशिश करनी चाहिए।
बच्चों की फिलिंग्स को समझें
पेरेंट्स को हमेशा अपने बच्चों की फिलिंग्स को समझना चाहिए। टीनएज में बच्चों के दिमाग और दिल में कई तरह के सवाल होते हैं और वह काफी इमोशनल भी महसूस करते हैं। ऐसे समय आपको एक दोस्त की तरह बच्चे से बात करनी चाहिए और अपने अनुभव भी उसके साथ शेयर करने चाहिए। इससे बच्चा भी अपने मन की स्थिति आपके साथ शेयर कर पाएगा।
रोक-टोक ना करें
पेरेंट्स के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि अपने बच्चे को हमेशा से ही एक फ्रेंडली माहौल दें। जिसमें उन्हें लड़के लड़कियों दोनों से दोस्ती करने की छूट हो। आप घर पर बच्चों के दोस्तों को बुलाएं, उनसे बात करें। साथ ही अगर आपको बच्चे के रिलेशनशिप के बारे में पता चलता है तो उस इंसान से भी मिले जिसकी तरफ आपका बच्चा अट्रैक्ट हो रहा है। सबसे जरूरी बात के अपने बच्चे से रोमांस, सेक्सुअल अट्रैक्शन जैसी बातें खुलकर करें।
और पढ़ें: सुहागरात मनाने से पहले दुल्हन की चली गई जान, 'पूर्व सौतन' की चेतावनी नहीं सुनना पड़ा महंगा
कोर्ट में साथ रहने पर हुए राजी, बाहर निकलते ही पति बन गया शैतान, पत्नी का सरेराह रेत दिया गला