Jaya Ekadashi 2024 Upay: माघ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को जया एकादशी कहते हैं। इसके और भी कईं नाम हैं जैसे अजा और भीष्म एकादशी। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा मुख्य रूप से की जाती है। इस दिन किए गए उपाय भी जल्दी ही शुभ फल देते हैं।
Punsavan Sanskar: हिंदू धर्म में 16 संस्कारों के बारे में बताया गया है। इनमें से पहला संस्कार मां के गर्भ में ही हो जाता है। इसे पुंसवन संस्कार कहते हैं। ये संस्कार बहुत ही खास होता है, इसके कईं फायदे भी होते हैं।
Mahashivratri 2024 Date: हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 8 मार्च, शुक्रवार को मनाया जाएगा। इस मौके पर देश भर के प्रमुख मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ती है।
PM Modi In Kalki Dham Sambhal: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 19 फरवरी को यूपी के संभल जिले में कल्कि धाम मंदिर के शिलान्यास कार्यक्रम में शामिल होंगे। भगवान कल्कि के बारे में अनेक धर्म ग्रंथों में लिखा है।
Astrology Upay: हिंदू धर्म ग्रंथों में दैनिक जीवन से जुड़े अनेक नियम बताए गए हैं। उसके अनुसार घर में बनी पहली और अंतिम रोटी स्वयं नहीं खानी चाहिए और न ही किसी परिजन को खिलानी चाहिए।
Holashtak 2024 Date: पंचांग के अनुसार होलिका दहन से पहले आने वाले 8 दिनों को होलाष्टक कहा जाता है। ज्योतिषियों के अनुसार, ये अशुभ समय होता है, इसलिए इस दौरान शुभ कार्य करने की मनाही होती है।
acharyashri vidyasagar passed away: जैन समाज के दिगंबर संप्रदाय के आचार्य विद्यासागर महाराज ने 17 फरवरी की देर रात शरीर त्याग दिया। मृत्यु से 3 दिन पहले उन्होंने समाधि लेकर अन्न-जल त्याग दिया था और मौन व्रत ले लिया था।
acharyashri vidyasagar passed away: जैन समाज के दिगंबर संत आचार्य श्री विद्यासागर ने 17 फरवरी की रात छत्तीसगढ़ के चंद्रगिरी तीर्थ में अपना शरीर त्याग दिया। आचार्य श्री विद्यासागर ने 3 दिन पहले ही 3 दिन का उपवास लिया था और अखंड मौन धारण कर लिया था।
Somvati Amavasya Kab Hai: धर्म ग्रंथों में सोमवती अमावस्या का विशेष महत्व बताया गया है। साल में 2-3 बार सोमवती अमावस्या का योग बनता है। सोमवती अमावस्या को स्नान-दान के लिए बहुत ही शुभ संयोग माना गया है।
Bhishm Dwadashi 2024: भीष्म पितामाह महाभारत के प्रमुख पात्र थे। ग्रंथों के अनुसार, युद्ध समाप्त होने के बाद माघ मास में इन्होंने अपने प्राणों का त्याग किया था। इस तिथि पर भीष्म पितामाह के लिए तर्पण-पिंडदान आदि किया जाता है।