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Mahashivratri 2024: इस ज्योतिर्लिंग के अंदर है पत्थर को सोने में बदलने वाली ‘चमत्कारी मणि’, आज तक अनसुलझे हैं इस मंदिर के रहस्य

Mahashivratri 2024 Date: हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 8 मार्च, शुक्रवार को मनाया जाएगा। इस मौके पर देश भर के प्रमुख मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ती है। 

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Manish Meharele
Published : Feb 19 2024, 10:41 AM IST| Updated : Feb 19 2024, 10:45 AM IST
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12 ज्योतिर्लिंगों में से पहला है सोमनाथ
Image Credit : wikipedia

12 ज्योतिर्लिंगों में से पहला है सोमनाथ

Kab Hai Mahashivratri 2024: इस बार 8 मार्च, शुक्रवार को महाशिवरात्रि पर्व मनाया जाएगा। इस दिन प्रमुख शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ती हैं। वैसे तो हमारे देश में भगवान शिव के अनेक मंदिर हैं, लेकिन इन सभी में 12 ज्योतिर्लिगों का महत्व सबसे ज्यादा है। इन 12 ज्योतिर्लिंगों में सबसे सबसे पहला है सोमनाथ। ये गुजरात के प्रभाव पाटन में स्थित है। इस मंदिर से जुड़ी कई कथाएं प्रचलित हैं। महाशिवरात्रि के मौके पर जानिए सोमनाथ मंदिर से जुड़ी कथाएं और रोचक बातें…

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चंद्रमा को मिली थी शाप से मुक्ति
Image Credit : gujarat tourism

चंद्रमा को मिली थी शाप से मुक्ति

शिव महापुराण में 12 ज्योर्तिलिंगों की कथा मिलती है। इसमें सोमनाथ ज्योतिर्लिंग की कथा भी है, उसके अनुसार ‘ चंद्रमा का विवाह दक्ष प्रजापति ने अपनी 27 कन्याओं से करवाया था। लेकिन चंद्रमा अपनी पत्नियों 27 पत्नियों में से रोहिणी को सबसे अधिक प्रेम करते थे, ये बात उनकी अन्य पत्नियों को पसंद नहीं थीं।
उन्होंने एक दिन ये बात जाकर अपने पिता दक्ष प्रजापति को बता दी। पुत्रियों के साथ इस प्रकार भेदभाव होता देख दक्ष प्रजापित क्रोधित हो गए और उन्होंने चंद्रमा को क्षय रोग हो जाने का श्राप दे दिया। इस श्राप के कारण चंद्रमा तेजहीन हो गए। तब उन्होंने धरती पर आकर एक शिवलिंग की स्थापना की।
शिवलिंग की स्थापना करने के बाद चंद्रमा ने इसी स्थान पर घोर तपस्या कर शिव को प्रसन्न किया। तब शिवजी प्रकट हुए और उन्होंने चंद्रमा को न सिर्फ दक्ष प्रजापति के श्राप से मुक्त बल्कि अपने मस्तक पर भी स्थान दिया। कर दिया। चंद्रमा का एक नाम सोम भी है, इसलिए ये ज्योतिर्लिंग सोमनाथ कहलाया।

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इस ज्योतिर्लिंग में है चमत्कारी मणि
Image Credit : gujarat tourism

इस ज्योतिर्लिंग में है चमत्कारी मणि

एक मान्यता के अनुसार, सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के अंदर एक चमत्कारी मणि है, जिसका नाम स्यमंतक है। इसे पारस पत्थर भी कहते हैं। इस मणि का संबंध भगवान श्रीकृष्ण से है। द्वापर युग में ये मणि भगवान श्रीकृष्ण के पास थी। देह त्यागने से पहले उन्होंने ये मणि सोमनाथ ज्योतिर्लिंग को समर्पित कर दी थी। तब से आज तक ये मणि इसी ज्योतिर्लिंग में स्थित है। इस मंदिर में ऐसे और भी कईं रहस्य हैं, जो आज तक अनसुलझे हैं।

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कईं बार तोड़ा गया ये मंदिर
Image Credit : gujarat tourism

कईं बार तोड़ा गया ये मंदिर

इतिहासकारों की मानें तो इस मंदिर को 17 बार नष्ट किया गया और हर बार इसका पुनर्निर्माण किया गया। सबसे पहले आठवीं सदी में सिंध के अरबी गवर्नर जुनायद ने इस मंदिर को नष्ट करवाया। इसके बाद 1025 में महमूद गजनवी यहां आया और उसने न सिर्फ मंदिर नष्ट किया और बल्कि पूजा कर रहे हजारों लोगों का कत्ल भी कर दिया। इसके बाद मुगल बादशाह औरंगजेब ने भी इस मंदिर को ध्वस्त किया। हर बार हिंदू राजाओं ने इसका पुनर्निर्माण करवाया। वर्तमान में जो मंदिर यहां खड़ा है उसे भारत के गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने बनवाया था और 1 दिसम्बर 1955 को भारत के राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने इसे राष्ट्र को समर्पित किया।

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कैसे पहुंचें?
Image Credit : gujarat tourism

कैसे पहुंचें?

- सोमनाथ से 63 कि.मी. दूर दीव एयरपोर्ट है। यहां तक हवाई मार्ग से पहुंच सकते हैं। इसके बाद रेल या बस से सोमनाथ पहुंचा जा सकता है।
- सोमनाथ सड़क मार्ग से सभी बड़े शहरों से जुड़ा है। निजी गाड़ियों से भी सड़क मार्ग से सोमनाथ आसानी से पहुंचा जा सकता है।
- सोमनाथ के लिए देश के लगभग सभी बड़े शहरों से ट्रेन मिल जाती हैं।


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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

About the Author

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Manish Meharele
मनीष मेहरेले। मीडिया में 19 साल का अनुभव, अभी एशियानेट न्यूज हिंदी के डिजिटल में काम कर रहे हैं। महाभारत, रामायण जैसे धार्मिक ग्रंथों का अच्छा ज्ञान है। ज्योतिष-हस्तरेखा, उपाय, वास्तु, कुंडली जैसे टॉपिक पर पकड़ है। यह जीव विज्ञान में बीएससी स्नातक हैं । करियर की शुरुआत स्थानीय अखबार दैनिक अवंतिका से की। 2010 से 2019 तक दैनिक भास्कर डॉट कॉम में धर्म डेस्क पर काम किया है।

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