देश भर में लोक आस्था के महापर्व छठ्ठ आज मनाया जा रहा है। जिस पर राजनेताओं ने अपनी शुभकामनाएं व्यक्त की है।
शनिदेव को धर्म ग्रंथों में न्यायाधीश कहा गया है यानी न्याय करने वाला। मनुष्य को उसके बुरे कर्मों का फल शनिदेव ही प्रदान करते हैं। जिनकी कुंडली में शनि अशुभ स्थान पर होता है, वे अपने जीवन में कभी सफल नहीं हो पाते।
धर्म ग्रंथों में सूर्य को प्रत्यक्ष देवता माना गया है। सूर्य की रोशनी से ही जीवन संभव है इसलिए पंचदेवों में इनकी पूजा भी अनिवार्य रूप से की जाती है। प्रतिदिन सूर्य को अर्घ्य देना हिंदू धर्म की परंपरा में शामिल है।
जिन लोगों को भाग्य का साथ नहीं मिल पाता है, उनके काम बनते-बनते बिगड़ जाते हैं। ज्योतिष की मान्यता है कि ग्रहों की अशुभ स्थिति के कारण ऐसा होता है।
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ पर्व मनाया जाता है। इस पर्व में सूर्यदेव और षष्ठी देवी की पूजा की जाती है। इस बार ये पर्व 2 नवंबर, शनिवार को है।
इस बार 2 नवंबर, शनिवार को छठ पूजा है। इस दिन मुख्य रूप से भगवान सूर्य की पूजा की जाती है।
श्रीराम रक्षा स्त्रोत को रोज पाठ करने से बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान हो सकता है।
तंत्र शास्त्र के उपायों में कई तरह की चीजों का इस्तेमाल किया जाता है। इनमें से एक है हकीक। कुछ लोग इसे चमत्कारी पत्थर भी कहते हैं।
छठ पूजा का त्योहार 31 अक्टूबर से शुरू हो रहा है। इस व्रत के दौरान सूर्य भगवान और छठी मैया की पूजा की जाती है और ऐसी मान्यता है कि जो भी यह व्रत रखता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
धर्म शास्त्रों के अनुसार, षष्ठी देवी प्रमुख मातृ शक्तियों का ही अंश स्वरूप है। ब्रह्मवैवर्तपुराण के प्रकृतिखण्ड के अनुसार, परमात्मा ने सृष्टि की रचना के लिए स्वयं के शरीर को दो भागों में विभक्त कर लिया।