ऑस्ट्रेलिया में सिडनी स्थित बोंडी बीच पर रविवार को दो हमलावरों ने त्योहार मना रहे यहूदियों पर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं। इस हमले में एक हमलावर समेत 10 लोगों की जान चली गई। पुलिस ने नवीद अकरम नाम के एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। 

Sydney Mass Attack: ऑस्ट्रेलिया में सिड़नी के बोन्डी बीच पर यहूदियों पर गोलीबारी करने वाले 2 हमलावरों में से एक की पहचान नवीद अकरम के तौर पर हुई है। पुलिस ने 24 साल के नवीद का ड्राइविंग लाइसेंस बरामद किया है। वह सिडनी के बोनीरिग का रहने वाला है। पुलिस ने उसके घर पर छापेमारी की है। बता दें कि इस हमले में 9 लोगों की जान चली गई, जबकि एक हमलावर भी मारा गया है। इस हमले के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिनमें बीच पर लाशें बिछी दिख रही हैं।

2000 लोगों की भीड़ पर की अंधाधुंध फायरिंग

बता दें कि यहूदी समुदाय बीच पर हनुक्का फेस्टिवल मनाने की तैयारी कर रहा था, जिसमें करीब 2 हजार लोग शामिल थे। यह कार्यक्रम यहूदी संगठन चाबाद (Chabad) द्वारा आयोजित किया गया था। ऑस्ट्रेलिया के लोकल टाइम के मुताबिक, शाम करीब 6:45 बजे अचानक 2 हथियारबंद हमलावरों ने भीड़ पर गोलियां बरसानी शुरू कर दीं। गोलियों की आवाज सुन लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। सिडनी के अलग-अलग अस्पतालों में अब तक 16 लोगों को एडमिट कराया गया है। घायलों में एक बच्चा भी शामिल है, जिसके हाथ में चोट लगी है। वहीं, 62 साल की एक महिला के पैर में चोट आई है। 

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बोन्डी बीच से मिली संदिग्ध चीजें

न्यू साउथ वेल्स पुलिस के मुताबिक, सिडनी के बोन्डी बीच से पुलिस को कुछ संदिग्ध चीजें मिली हैं, जिन्हें जब्त कर लिया गया है। फिलहाल इनकी जांच की जा रही है। वहीं, इजरायल के राष्ट्रपति इसहाक हर्जोग ने सिडनी फायरिंग को आतंकवादी हमला बताया है। उन्होंने इसे यहूदी समुदाय पर हुई मास फायरिंग बताया है।

मेलबर्न में हनुक्का फेस्टिवल कैंसिल

बोन्डी बीच पर यहूदी समुदाय के खिलाफ हुई मास फायरिंग की घटना के बाद मेलबर्न में आयोजित होने वाला हनुक्का फेस्टिवल को रद्द कर दिया गया है। इस बात की जानकारी यहूदी समुदाय से जुड़ी एक एडवोकेट ऑर्गनाइजेशन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करते हुए दी है।

इजराइल के पूर्व पीएम ने की घटना की निंदा

इजराइल के पूर्व प्रधानमंत्री नाफ्ताली बेनेट ने ऑस्ट्रेलिया में यहूदियों पर हुई मास फायरिंग की निंदा की है। वहीं, इजरायल के विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी इस घटना पर गहरा दुख जताया है। उन्होंने इसे यहूदी समुदाय पर हमला बताते हुए ऑस्ट्रेलिया में बढ़ती यहूदी-विरोधी घटनाओं पर चिंता जताई और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की।