इस बार 2 सितंबर से गणेश उत्सव शुरू हो रहा है।
इस बार 2 से 12 सितंबर तक गणेश उत्सव मनाया जाएगा।
गणेश पूजा में सबसे पहले गणेशजी का प्रतीक चिह्न स्वस्तिक बनाया जाता है।
कुछ ज्योतिषीय उपायों में वनस्पतियों जैसे- पौधों की जड़, टहनी व लकड़ी आदि का भी प्रयोग किया जाता है।
हिंदू धर्म में भगवान श्रीगणेश को प्रथम पूज्य माना गया है अर्थात सभी मांगलिक कार्यों में सबसे पहले श्रीगणेश की ही पूजा की जाती है। श्रीगणेश की पूजा के बिना कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता।
2 सितंबर, सोमवार को भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि है। महिलाएं इस दिन हरितालिका तीज का व्रत करती हैं।
धर्म ग्रंथों के अनुसार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान श्रीगणेश का जन्म हुआ था। इसीलिए इस चतुर्थी को विनायक चतुर्थी, सिद्धिविनायक चतुर्थी और श्रीगणेश चतुर्थी के नाम से जाना जाता है।
रुद्राक्ष भगवान शंकर के स्वरूप से जुड़ा है। भगवान शंकर के उपासक इन्हें माला के रूप में पहनते हैं।
भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 2 सितंबर, सोमवार को है।
गणेश चतुर्थी का त्योहार आने ही वाला है। पूरे भारत में ये त्यौहार बड़े श्रद्धा के साथ मनाया जाता है।