जन्माष्टमी को मोहरात्रि भी कहा जाता है, क्योंकि इस दिन संसार को मोहित करने वाले भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था।
श्रीमद्भागवत गीता हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण ग्रंथों में से एक है। इस ग्रंथ में हर किसी के लिए सीखने के लिए कई महत्वपूर्ण नीतियां बताई हैं।
भगवान श्रीकृष्ण विष्णु के सबसे श्रेष्ठ अवतार माने जाते हैं। श्रीकृष्ण का जन्म मथुरा के कारागार में हुआ, बचपन नंद गांव में बीता और शिक्षा उज्जैन में प्राप्त की।
श्रीमद्भगवदगीता को हिंदू धर्म में बड़ा ही पवित्र ग्रंथ माना जाता है। गीता के माध्यम से ही भगवान श्रीकृष्ण ने संसार को धर्मानुसार कर्म करने की प्रेरणा दी।
भगवान कृष्ण और अर्जुन-युधिष्ठिर के किस्सों से मिलता है लाइफ मैनेजमेंट का अहम सबक
भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र के मैदान में अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। ये बात हम सभी जानते हैं, लेकिन श्रीकृष्ण और अर्जुन के अलावा भी गीता को कई बार बोला व सुना गया।
श्रीमद्भागवत में सुखी और सफल जीवन के लिए कई नीतियां स्वयं श्रीकृष्ण द्वारा बताई गई हैं।
इस बार जन्माष्टमी को लेकर ज्योतिषियों में मतभेद हैं, जिसके चलते 2 दिन ये पर्व मनाया जाएगा। शैव मत वाले 23 अगस्त को जबकि वैष्णव संप्रदाय वाले 24 अगस्त को जन्माष्टमी मनाएंगे।
जन्माष्टमी पर उपवास रखकर भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है।
भगवान श्रीकृष्ण का जीवन मनुष्य जाति के लिए प्रेरणा का स्त्रोत है।