Ahoi Mata Bhajan Lyrics In Hindi: अहोई माता की पूजा करने से संतान की उम्र बढ़ती है और घर में सुख-समृद्धि भी बनी रहती है। अहोई माता को प्रसन्न करने के लिए अनेक भजन, स्तुति और आरती की रचना की गई है। इन्हें गाने और सुनने से शुभ फल मिलते हैं।
Ahoi Mata Bhajan: इस बार अहोई अष्टमी का व्रत 13 अक्टूबर, सोमवार को किया जाएगा। इस व्रत में अहोई माता की पूजा की जाती है जो देवी पार्वती की ही एक रूप है। इस व्रत में भजन गाकर अहोई माता की स्तुति की जाती है। अहोई माता के अनेक प्रसिद्ध भजन हैं। ये भजन गाने और सुनने से अहोई माता की कृपा आपके ऊपर सदैव बनी रहेगी। आगे पढ़ें अहोई माता के भजन के लिरिक्स हिंदी में…
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अहोई माता अहोई माता पूजा स्वीकार कर लेना (Ahoi Mata Puja Swikar Kar Lena Lyrics In Hindi)
अहोई माता अहोई माता पूजा स्वीकार कर लेना
मेरे बच्चों को सुख देना मेरे बच्चों को खुश रखना
अहोई माता अहोई माता
जिन्हें बच्चे ना हो माता उन्हें औलाद दे देना
सभी गम दूर हो उनके के सुख जीवन में आ जाए
अहोई माता अहोई माता
जिनकी झोली खाली है अपनी कृपा से भर देना
आंगन में किलकारी गूंजी के अपनी दया दिखा देना
अहोई माता अहोई माता
अगर बच्चे कभी भटके गलत राहों में मुड़ जाए
उन्हें सद्बुद्धि दे कर मां सही राह दिखा देना
अहोई माता अहोई माता
मेरे बच्चों के दामन को मां खुशियों से तुम भर देना
अहोई माता अहोई माता पूजा स्वीकार कर लेना
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अहोई माता की चालीसा (Ahoi Mata Chalisa Lyrics In Hindi)
॥ दोहा ॥
अहोई माता विनति सुनो, सेवक की रखो लाज।
संतान सुख समृद्धि दो, पूरण हो सब काज॥
॥ चौपाई ॥
जय अहोई अंबे जगदम्बा। सदा सहाय करो सुख कंबा॥
नारी तव व्रत करती प्यारी। सुत सुख पाए सदा सुखकारी॥
निर्धन धनी, हीन सुख पावे। दरिद्र मिटे, वैभव बरसावे॥
सिंहासिन तू जगत भवानी। भक्त बचावन वाली रानी॥
धूप दीप नैवेद्य चढ़ावा। भक्त मनोवांछित फल पावा॥
पुत्रवती नारी सुख पावे। पुत्रहीन के पुत्र बसावे॥
सुख सम्पत्ति देहि जगदम्बा। दुख दरिद्र मिटे सब कंबा॥
अष्टमी तिथि व्रत जो नारी। करहि श्रद्धा सहित तैयारी॥
सदा सुहागिन वह नारी होई। कृपा करें जगजननि अहोई॥
॥ दोहा ॥
अहोई माता की कृपा, रहे सदा परिवार।
संतान सुख वैभव बढ़े, मिटे पाप संहार॥
जय अहोई माता, जय अहोई माता। (Jai Ahoi Mata Aarti Lyrics In Hindi)
जय अहोई माता, जय अहोई माता। तुमको निसदिन ध्यावतहर विष्णु विधाता।।
जय अहोई माता।।
ब्रह्माणी, रुद्राणी, कमलातू ही है जगमाता।
सूर्य-चन्द्रमा ध्यावतनारद ऋषि गाता।।
जय अहोई माता।।
माता रूप निरंजनसुख-सम्पत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावतनित मंगल पाता।।
जय अहोई माता।।
तू ही पाताल बसंती,तू ही है शुभदाता।
कर्म-प्रभाव प्रकाशकजगनिधि से त्राता।।
जय अहोई माता।।
जिस घर थारो वासावाहि में गुण आता।
कर न सके सोई कर लेमन नहीं धड़काता।।
जय अहोई माता।।
तुम बिन सुख न होवेन कोई पुत्र पाता।
खान-पान का वैभव तुम बिन नहीं आता।।
जय अहोई माता।।
शुभ गुण सुंदर युक्ताक्षीर निधि जाता।
रतन चतुर्दश तोकू कोई नहीं पाता।।
जय अहोई माता।।
श्री अहोई माँ की आरतीजो कोई गाता।
उर उमंग अति उपजे पाप उतर जाता।।
जय अहोई माता।।
Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।
