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Bhutadi Amavasya 2023: पितृ दोष से परेशान हैं या ऊपरी बाधाओं से, 21 मार्च को भूतड़ी अमावस्या पर करें ये 5 आसान उपाय
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भूतड़ी अमावस्या के उपाय...
पंचांग के अनुसार, एक साल में 12 अमावस्या तिथि होती है। इनमें से कुछ अमावस्या बहुत खास होती है, चैत्र अमावस्या भी इनमें से एक है। इसे भूतड़ी अमावस्या (Bhutadi Amavasya 2023) कहते हैं। इस बार ये तिथि 21 मार्च, मंगलवार को है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, जिन लोगों पर ऊपरी बाधाओं जैसे भूत-प्रेत का प्रभाव होता है, उनके लिए ये तिथि बहुत खास मानी गई है। इस दिन किए गए कुछ उपायों से उनकी परेशानी समाप्त हो सकती है, साथ ही साथ पितरों की आत्मा की शांति के लिए भी इस दिन कई उपाय किए जा सकते हैं। आगे जानिए इन उपायों के बारे में…
उपाय 1
जिस व्यक्ति पर प्रेत बाधा यानी ऊपरी बाधा का प्रभाव हो, भूतड़ी अमावस्या पर उसके सिर से लेकर पैर तक नारियल 9 बार घुमाएं यानी उबारें। इसके बाद इस नारियल को बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें। ये उपाय करते समय मौन रहें। घर आकर हाथ-पैर धोने के बाद ही किसी से कुछ बोलें। इससे आपकी समस्या दूर हो सकती है।
उपाय 2
जिस किसी पर भी ऊपरी बाधा का असर हो, उसे भूतड़ी अमावस्या पर किसी पवित्र नदी में स्नान करवाएं। ऐसा करते समय 3-4 लोग उसके साथ होना चाहिए, नहीं तो भूत-प्रेत से प्रभावित व्यक्ति किसी का भी अहित कर सकता है। स्नान करवाते के तुरंत बाद उसे बाहर निकाल लें। पुराने कपड़े उसी स्थान पर छोड़कर दूसरे वस्त्र पहनाकर उस व्यक्ति को घर लेकर आएं।
उपाय 3
जिस किसी व्यक्ति को पितृ दोष है वो भूतड़ी अमावस्या पर किसी तीर्थ स्थान पर जाकर पितरों के निमित्त पिंडदान आदि करवाएं। अगर ऐसा करने में सक्षम न हो तो घर पर भी ये पूजा किसी योग्य ब्राह्मण से करवाई जा सकती है। इससे पितृ दोष का अशुभ प्रभाव कम होता है।
उपाय 4
पितरों की शांति के लिए भूतड़ी अमावस्या पर गरीबों का भोजन, अनाज, कपड़े, जूते आदि चीजों का दान करें। ऐसा न कर पाएं तो किसी अनाथ या वृद्धाश्रम में भी ये चीजें दान कर सकते हैं। गाय के चारे के लिए गौशाला में दान करें। इन उपायों से पितृ दोष की शांति होती है और शुभ फल प्राप्त होते हैं।
उपाय- 5
भूतड़ी अमावस्या पर घर पर ही पितरों के निमित्त धूप-ध्यान करें। इसके लिए एक सुलगते हुए कंडे (उपले) पर पहले थोड़ा-थोड़ा घी-गुड़ 5 बार चढ़ाएं। ऐसा करते समय ऊं पितृदेवताभ्यो नम: बोलते रहें। इसके बाद 5 बार खीर के साथ रोटी या पूरी चढ़ाएं। अंत में अपने हाथ में जल लेकर अंगूठे के माध्यम से इसे जमीन पर छोड़ दें। इससे भी पितृ प्रसन्न होते हैं।
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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें। आर्टिकल पर भरोसा करके अगर आप कुछ उपाय या अन्य कोई कार्य करना चाहते हैं तो इसके लिए आप स्वतः जिम्मेदार होंगे। हम इसके लिए उत्तरदायी नहीं होंगे।