MalayalamNewsableKannadaKannadaPrabhaTeluguTamilBanglaHindiMarathiMyNation
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • ताज़ा खबर
  • राष्ट्रीय
  • वेब स्टोरी
  • राज्य
  • मनोरंजन
  • लाइफस्टाइल
  • बिज़नेस
  • सरकारी योजनाएं
  • खेल
  • धर्म
  • ज्योतिष
  • फोटो
  • Home
  • Religion
  • Puja Vrat Katha
  • Chaitra Navratri 2024: 17 अप्रैल को रवि योग में करें मां सिद्धिदात्री की पूजा, क्यों इन्हें कहते हैं दुर्गा का श्रेष्ठ अवतार?

Chaitra Navratri 2024: 17 अप्रैल को रवि योग में करें मां सिद्धिदात्री की पूजा, क्यों इन्हें कहते हैं दुर्गा का श्रेष्ठ अवतार?

Chaitra Navratri 2024 Goddess Siddhidatri: इस बार चैत्र नवरात्रि का अंतिम दिन 17 अप्रैल, बुधवार को है। इस दिन देवी सिद्धिदात्री की पूजा का विधान है। इन देवी की पूजा से हर काम में सिद्धि प्राप्त होती है। 

3 Min read
Manish Meharele
Published : Apr 17 2024, 01:00 AM IST
Share this Photo Gallery
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Whatsapp
  • GNFollow Us
15
17 अप्रैल को करें देवी सिद्धिदात्री की पूजा
Image Credit : adobe stock

17 अप्रैल को करें देवी सिद्धिदात्री की पूजा

Chaitra Navratri 2024 Devi Siddhidatri Puja Vidhi: चैत्र नवरात्रि के अंतिम यानी नवमी तिथि पर देवी सिद्धिदात्री की पूजा का विधान है। इस बार ये तिथि 17 अप्रैल, बुधवार को है। इस दिन रवि योग रहेगा। देवी सिद्धिदात्री को मां दुर्गा का श्रेष्ठ स्वरूप माना जाता है क्योंकि इनकी पूजा से हर तरह की सिद्धि प्राप्त हो सकती है। देवी सिद्धिदात्री से जुड़ी अनेक मान्यताएं और कथाएं धर्म ग्रंथों में मिलती है। आगे जानिए देवी सिद्धिदात्री से जुड़ी खास बातें…

25
ये है देवी सिद्धिदात्री की कथा (Devi siddhidatri Ki Katha)
Image Credit : adobe stock

ये है देवी सिद्धिदात्री की कथा (Devi siddhidatri Ki Katha)

देवी पुराण के अनुसार, देवी दुर्गा का सिद्धिदात्री अवतार समस्त देवी-देवताओं के तेज से उत्पन्न हुआ है। देवी सिद्धिदात्री की पूजा सभी देवता, गंधर्व, यक्ष, नाग, किन्नर आदि करते हैं। इस देवी दुर्गा का सबसे श्रेष्ठ स्वरूप भी मना जाता है। मां सिद्धिदात्री की कृपा से भगवान शिव का आधा शरीर देवी का हो गया था, जिसके चलते वे अर्धनारीश्वर कहलाए।

35
ऐसा है देवी सिद्धिदात्री का स्वरूप (Navratri ke antim Din Kis Devi Ki Puja Kare)
Image Credit : adobe stock

ऐसा है देवी सिद्धिदात्री का स्वरूप (Navratri ke antim Din Kis Devi Ki Puja Kare)

पुराणों के अनुसार, देवी सिद्धिदात्री का स्वरूप अत्यंत शांत है। इनके चारों ओर गंध‌र्व, किन्नर, असुर और मनुष्य पूजा करते दिखाई देते हैं। इनकी 4 भुजाएं हैं। इनके एक हाथ में गदा, दूसरी में चक्र, तीसरे में कमल और चौथे में शंख है। इनकी पूजा से हर तरह की सिद्धि प्राप्त हो जाती है।

45
इस विधि से करें देवी सिद्धिदात्री की पूजा (Devi siddhidatri Ki Puja Vidhi)
Image Credit : adobe stock

इस विधि से करें देवी सिद्धिदात्री की पूजा (Devi siddhidatri Ki Puja Vidhi)

- 17 अप्रैल, बुधवार की सुबह स्नान आदि करने के बाद हाथ में जल-चावल लेकर व्रत-पूजा का संकल्प लें।
- इसके बाद घर में किसी साफ स्थान पर गंगाजल या गोमूत्र छिड़कर उसे पवित्र करें। यहां पूजा की चौकी स्थापित करें।
- इस चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और देवी सिद्धिदात्री का चित्र स्थापित करें। चित्र के समीप ही शुद्ध घी का दीपक लगाएं।
- देवी के चित्र पर फूलों की माला पहनाएं। कुमकुम से तिलक करें। अबीर, गुलाल चावल, हल्दी, मेहंदी, सिंदूर आदि चीजें चढ़ाएं।
- इस दिन माता को हलवा, पूड़ी व चने का भोग लगाएं। नीचे लिखा मंत्र बोलने के बाद मां सिद्धिदात्री
की आरती करें-
सिद्धगंधर्वयक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।
सेव्यमाना यदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायनी॥

55
मां सिद्धिदात्री की आरती (Devi siddhidatri ki Aarti)
Image Credit : adobe stock

मां सिद्धिदात्री की आरती (Devi siddhidatri ki Aarti)

जय सिद्धिदात्री तू सिद्धि की दाता, तू भक्तों की रक्षक तू दासों की माता।
तेरा नाम लेते ही मिलती है सिद्धि, तेरे नाम से मन की होती है शुद्धि।
कठिन काम सिद्ध कराती हो तुम, हाथ सेवक के सर धरती हो तुम।
तेरी पूजा में न कोई विधि है, तू जगदंबे दाती तू सर्वसिद्धि है।
रविवार को तेरा सुमरिन करे जो, तेरी मूर्ति को ही मन में धरे जो।
तू सब काज उसके कराती हो पूरे, कभी काम उस के रहे न अधूरे।
तुम्हारी दया और तुम्हारी यह माया, रखे जिसके सर पैर मैया अपनी छाया।
सर्व सिद्धि दाती वो है भाग्यशाली, जो है तेरे दर का ही अम्बे सवाली।
हिमाचल है पर्वत जहां वास तेरा, महानंदा मंदिर में है वास तेरा।
मुझे आसरा है तुम्हारा ही माता, वंदना है सवाली तू जिसकी दाता...


ये भी पढ़ें-

Ram Navami 2024 पर भगवान श्रीराम को कौन-से 5 भोग लगाएं?


Chaitra Navratri 2024: यहां रहते हैं ‘राक्षसों के वंशज’ नहीं करते देवताओं की पूजा, नवरात्रि में मनाते हैं शोक


Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

About the Author

MM
Manish Meharele
मनीष मेहरेले। मीडिया में 19 साल का अनुभव, अभी एशियानेट न्यूज हिंदी के डिजिटल में काम कर रहे हैं। महाभारत, रामायण जैसे धार्मिक ग्रंथों का अच्छा ज्ञान है। ज्योतिष-हस्तरेखा, उपाय, वास्तु, कुंडली जैसे टॉपिक पर पकड़ है। यह जीव विज्ञान में बीएससी स्नातक हैं । करियर की शुरुआत स्थानीय अखबार दैनिक अवंतिका से की। 2010 से 2019 तक दैनिक भास्कर डॉट कॉम में धर्म डेस्क पर काम किया है।

Latest Videos
Recommended Stories
Related Stories
Asianet
Follow us on
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • Download on Android
  • Download on IOS
  • About Website
  • Terms of Use
  • Privacy Policy
  • CSAM Policy
  • Complaint Redressal - Website
  • Compliance Report Digital
  • Investors
© Copyright 2025 Asianxt Digital Technologies Private Limited (Formerly known as Asianet News Media & Entertainment Private Limited) | All Rights Reserved