सार
Kanya Pujan Vidhi: इन दिनों चैत्र नवरात्रि का पर्व चल रहा है। नवरात्रि के दौरान कन्या पूजन की परंपरा भी है। मान्यता है कि नवरात्रि में छोटी कन्याओं को घर बुलाकर भोजन करवाने से माता प्रसन्न होती हैं और सुख-समृद्धि प्रदान करती हैं।
उज्जैन. हिंदू धर्म में हर त्योहार से कोई न कोई परंपरा जरूर जुड़ी होती है। नवरात्रि से भी कई परपराएं जुड़ी हुई हैं, कन्या पूजा भी इनमें से एक है। नवरात्रि (chaitra navratri 2023) के अंतिम दिनों यानी अष्टमी और नवमी तिथि पर कन्या पूजा करने का विशेष महत्व माना जाता है। इस बार चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि 29 मार्च, बुधवार को और नवमी तिथि 30 मार्च, गुरुवार को है। ये दोनों दिन कन्या पूजा के लिए श्रेष्ठ माने गए हैं। (Kanya Pujan Vidhi) धर्म ग्रंथों के अनुसार, छोटी कन्याएं माता का स्वरूप मानी गई है, इसलिए नवरात्रि के दौरान कन्या पूजा करने का विशेष महत्व है। आगे जानिए कन्या पूजा की विधि, मंत्र व अन्य खास बातें…
इस विधि से करें कन्या पूजन (Kanya Pujan Vidhi Aour Mantra)
- कन्या पूजन करने से पहले कन्याओं को उनके घर जाकर निमंत्रण देकर आएं। जब कन्याएं घर आ जाएं तो उन्हें माता का स्वरूप मानकर उचित स्थान पर बैठाएं।
- कन्या पूजन के लिए बनाया गया भोजन शुद्ध और सात्विक होना चाहिए। भोजन में खीर या हलवा विशेष रूप से बनवाएं। इनका भोग देवी को विशेष रूप से प्रिय है।
- घर आने वाली सभी कन्याओं को प्रेम पूर्वक भोजन करवाएं। इसके बाद कन्याओं को चुनरी ओढ़ाएं, तिलक लगाएं। कन्याओं के पैर धोकर महावर या मेहंदी लगाएं।
- इसके बाद हाथ में फूल लेकर यह मंत्र बोलें-
मंत्राक्षरमयीं लक्ष्मीं मातृणां रूपधारिणीम्।
नवदुर्गात्मिकां साक्षात् कन्यामावाहयाम्यहम्।।
जगत्पूज्ये जगद्वन्द्ये सर्वशक्तिस्वरुपिणि।
पूजां गृहाण कौमारि जगन्मातर्नमोस्तु ते।।
- यह फूल कन्या के पैर में रखकर प्रणाम करें। इसके बाद कन्याओं को कुछ उपहार और दक्षिणा भी दें। कन्याओं को घर के दरवाजे तक ससम्मान छोड़ें।
- इस प्रकार कन्या पूजन से देवी प्रसन्न होती हैं और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। नवरात्रि में की गई कन्या पूजा हर तरह शुभ फल देने वाली मानी गई है।
कन्या पूजा में रखें इन बातों का ध्यान
1. कन्या पूजा से एक दिन पहले ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करें। कन्या पूजा के दिन मन शांत रखें। मन ही मन देवी का स्मरण करते रहें।
2. कन्या पूजा में 2 से 12 वर्ष तक की कन्याओं को ही आमंत्रित करें। जिन लड़कियों का मासिक धर्म शुरू न हुआ हो, वे ही कन्या पूजा के योग्य मानी जाती हैं।
3. कन्या पूजा में खीर या हलवा जरूर बनवाएं। इन दोनों चीजों के बिना देवी का भोग पूरा नहीं होता है।
4. कन्या पूजा में छोटे लड़कों को भी जरूर बुलाएं। भैरव का रूप मानकर इन्हें भी भोजन करवाएं।
5. कन्याओं के बैठने के लिए उचित आसन की व्यवस्था करें। उन्हें नीचे यानी जमीन पर न बैठाएं।
6. कन्याओं के घर आने से लेकर जाते समय तक उनका पूरा सम्मान करें, क्योंकि इस समय वे साक्षात देवी का रूप होती हैं।
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