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Chaitra Navratri 2024: 16 अप्रैल को करें देवी महागौरी की पूजा, जानें विधि, मंत्र, कथा और आरती की डिटेल

Chaitra Navratri 2024 Devi Mahagauri: चैत्र नवरात्रि के आठवें दिन की देवी महागौरी हैं। देवी का यह स्वरूप अत्यंत गौरा है, इसलिए इनका ये नाम रखा गया है। इनसे जुड़ी कईं कथाएं धर्म ग्रंथों में मिलती है। 

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Manish Meharele
Published : Apr 15 2024, 04:09 PM IST
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16 अप्रैल को करें देवी महागौरी की पूजा
Image Credit : adobe stock

16 अप्रैल को करें देवी महागौरी की पूजा

Chaitra Navratri 2024 Devi Mahagauri Puja Vidhi: 16 अप्रैल, मंगलवार को चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि है। इस तिथि की देवी महागौरी हैं। देवी महागौरी मां दुर्गा का आठवां स्वरूप है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, मां महागौरी का रंग अत्यंत गौरा है इसलिए इन्हें महागौरी के नाम से जाना जाता है। महागौरी से जुड़ी अनेक कथाएं और मान्यताएं धर्म ग्रंथों में वर्णित है। आगे जानिए देवी महागौरी की पूजा विधि, मंत्र, शुभ मुहूर्त, कथा व आरती…

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देवी महागौरी की कथा (Devi Mahagauri Ki Katha)
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देवी महागौरी की कथा (Devi Mahagauri Ki Katha)

देवी पुराण के अनुसार, देवी सती ने दूसरे जन्म में हिमालय की पुत्री पार्वती के रूप में जन्म लिया। इस जन्म में भी वे शिवजी को ही पति रूप में पाना चाहती थीं। इसके लिए उन्होंने कठोर तपस्या की। तपस्या के कारण उनका रंग काला पड़ गया। देवी पार्वती की तपस्या से शिवजी प्रकट हुए और उन्होंने वरदान देकर उन्हें पुन: गौरा बना दिया। इसलिए देवी का एक नाम महागौरी भी है।

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ऐसा है माता का स्वरूप (Navratri ke Aatve Din Kis Devi Ki Puja Kare)
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ऐसा है माता का स्वरूप (Navratri ke Aatve Din Kis Devi Ki Puja Kare)

देवी महागौरी का स्वरूप अत्यंत गौरा है। इनका स्वभाव अति शांत है। देवी सफेद वस्त्र ही धारण करती हैं। इनके चार हाथ हैं। एक हाथ अभय मुद्रा में, दूसरे में त्रिशूल, तीसरे में डमरू और चौथा हाथ वर मुद्रा में है। देवी महागौरी का बाहन सफेद बैल है। देवी के इस रूप की पूजा करने से हर तरह का सुख प्राप्त होता है।

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इस विधि से करें देवी महागौरी की पूजा (Devi Mahagauri Puja Vidhi)
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इस विधि से करें देवी महागौरी की पूजा (Devi Mahagauri Puja Vidhi)

- 16 अप्रैल, मंगलवार की सुबह जल्दी उठकर व्रत-पूजा का संकल्प लें। घर में किसी साफ स्थान पर पूजा के लिए चौकी स्थापित करें।
- इस चौकी के ऊपर देवी महागौरी की तस्वीर स्थापित करें। चित्र के सामने शुद्ध घी का दीपक जलाएं, देवी को कुमकुम का तिलक लगाएं।
- देवी के चित्र पर फूलों की माला पहनाएं। इसके बाद अबीर, गुलाल, हल्दी, मेहंदी, चावल आदि चीजें एक-एक करके चढ़ाते रहें।
- देवी महागौरी को नारियल या उससे बनी मिठाई का भोग लगाएं। नीचे लिखा मंत्र बोलने के बाद देवी की आरती करें-
श्वेत वृषे समारूढ़ा श्वेताम्बरधरा शुचि:।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा॥

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देवी महागौरी की आरती (Devi Mahagauri Aarti)
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देवी महागौरी की आरती (Devi Mahagauri Aarti)

जय महागौरी जगत की माया। जया उमा भवानी जय महामाया॥
हरिद्वार कनखल के पासा। महागौरी तेरी वहां निवासा॥
चंद्रकली ओर ममता अंबे। जय शक्ति जय जय माँ जगंदबे॥
भीमा देवी विमला माता। कौशिकी देवी जग विख्यता॥
हिमाचल के घर गौरी रूप तेरा। महाकाली दुर्गा है स्वरूप तेरा॥
सती सत हवन कुंड में था जलाया। उसी धुएं ने रूप काली बनाया॥
बना धर्म सिंह जो सवारी में आया। तो शंकर ने त्रिशूल अपना दिखाया॥
तभी माँ ने महागौरी नाम पाया। शरण आनेवाले का संकट मिटाया॥
शनिवार को तेरी पूजा जो करता। माँ बिगड़ा हुआ काम उसका सुधरता॥
भक्त बोलो तो सोच तुम क्या रहे हो। महागौरी माँ तेरी हरदम ही जय हो॥


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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

About the Author

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Manish Meharele
मनीष मेहरेले। मीडिया में 19 साल का अनुभव, अभी एशियानेट न्यूज हिंदी के डिजिटल में काम कर रहे हैं। महाभारत, रामायण जैसे धार्मिक ग्रंथों का अच्छा ज्ञान है। ज्योतिष-हस्तरेखा, उपाय, वास्तु, कुंडली जैसे टॉपिक पर पकड़ है। यह जीव विज्ञान में बीएससी स्नातक हैं । करियर की शुरुआत स्थानीय अखबार दैनिक अवंतिका से की। 2010 से 2019 तक दैनिक भास्कर डॉट कॉम में धर्म डेस्क पर काम किया है।
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