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Chaitra Navratri 2024 Kanya Pujan Vidhi: कब करें कन्या पूजन? जानें सही डेट, पूजा विधि, मंत्र सहित पूरी डिटेल
Chaitra Navratri 2024: हिंदू धर्म में छोटी लड़कियों को माता का स्वरूप माना जाता है। चैत्र नवरात्रि में कन्या पूजन की परंपरा भी है। नवरात्रि में कन्या पूजन खास तिथि पर किया जाता है और इस दौरान कईं बातों का भी ध्यान रखा जाता है।
| Published : Apr 12 2024, 11:09 AM IST
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कैसे करें कन्या पूजन?
Navratri Kanya Pujan Vidhi: चैत्र नवरात्रि हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है। इस त्योहार से कईं परंपराएं जुड़ी हुई हैं। कन्या पूजन भी इन परंपराओं में से एक है। इस परंपरा के अतंगर्त 10 साल के कम उम्री की कन्याओं को घर बुलाकर भोजन करवाया जाता है और उन्हें कुछ न कुछ उपहार भी दिए जाते हैं। मान्यता है कि 10 साल से कम उम्र की कन्याएं साक्षात देवी का स्वरूप होती हैं। आगे जानिए इस बार चैत्र नवरात्रि 2024 में कब करें कन्या पूजन, विधि, मंत्र सहित पूरी डिटेल..
चैत्र नवरात्रि 2024 में कब करें कन्या पूजन? (Kanya Pujan Date in Chaitra Navratri 2024)
विद्वानों के अनुसार, वैसे तो नवरात्रि में किसी भी दिन कन्या पूजन किया जा सकता है, लेकिन इसकी सबसे श्रेष्ठ तिथि अष्टमी और नवमी होती है। इस बार चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि 16 अप्रैल, मंगलवार को और नवमी तिथि 17 अप्रैल, बुधवार को है। इन दोनों दिन में से कभी भी कन्या पूजन किया जा सकता है।
कितनी कन्याओं को भोजन के लिए बुलाएं?
विद्वानों के अनुसार, नवरात्रि में कन्या पूजन के लिए कम से कम 9 कन्या जरूर होनी चाहिए। कन्याओं की संख्या इससे ज्यादा भी हो सकती है, लेकिन कम नहीं होनी चाहिए। इस बात का भी ध्यान रखें कि इनकी उम्र 10 वर्ष से अधिक न हो। कन्याओं के साथ 1-2 छोटे बालकों को भी भोजन के लिए बुलाएं। इन्हें भैरव के स्वरूप माना जाता है।
इस विधि से करें कन्या पूजन (Kanya Pujan Vidhi-Mantra)
- जब भी आप कन्या पूजन करना चाहते हैं, उसके एक दिन पहले कन्याओं को उनके घर जाकर निमंत्रण देकर आएं।
- जब कन्याएं भोजन के लिए घर आ जाएं तो उन्हें माता का रूप मानकर इसका सम्मान करें और उचित स्थान पर बैठाएं।
- कन्या पूजन के लिए बनाया गया भोजन पूरी तरह से सात्विक होना चाहिए। इसमें खीर या हलवा विशेष रूप से होना चाहिए।
- सभी कन्याओं को आसन पर बैठाकर भोजन करवाएं। भोजन के बाद कन्याओं को चुनरी ओढ़ाएं, तिलक लगाएं।
- सभी कन्याओं के पैर धोकर महावर या मेहंदी लगाएं। इसके बाद हाथ में फूल लेकर यह मंत्र बोलें-
मंत्राक्षरमयीं लक्ष्मीं मातृणां रूपधारिणीम्।
नवदुर्गात्मिकां साक्षात् कन्यामावाहयाम्यहम्।।
जगत्पूज्ये जगद्वन्द्ये सर्वशक्तिस्वरुपिणि।
पूजां गृहाण कौमारि जगन्मातर्नमोस्तु ते।।
- यह फूल कन्या के पैर में रखकर प्रणाम करें। इसके बाद कन्याओं को अपनी इच्छा अनुसार कुछ उपहार और दक्षिणा भी दें।
- इस तरह पूजन करने के बाद कन्याओं को घर के दरवाजे तक ससम्मान छोड़कर आएं। इससे देवी प्रसन्न होती हैं।
- चैत्र नवरात्रि में जो विधि पूर्वक कन्या पूजन करता है, उसके घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और हर काम में सफलता मिलती है।
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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।