सार
Janmashtami Aarti: जन्माष्टमी पर लड्डू गोपाल की आरती का विशेष महत्व है। इस दिन शुद्धता पूर्वक घर में ही बने प्रसाद का भोग लगाएं और शुद्ध घी के दीपक से लड्डू गोपाल की आरती करें। आरती से पहले लड्डू गोपाली की पूजा करें।
Krishna Aarti Lyrics In Hindi: इस बार जन्माष्टमी का पर्व 26 अगस्त, सोमवार को मनाया जाएगा। इस दिन पूरे देश के श्रीकृष्ण मंदिरों में धूम रहेगी, भक्तों का तांता लगा रहेगा। रात में 12 बजे भगवान की मुख्य पूजा की जाएगी। इस दौरान लड्डू गोपाल की आरती भी उतारी जाएगी। धर्म ग्रंथों में लड्डू गोपाल की आरती उतारने की पूरी विधि बताई गई है। आगे जानें जन्माष्टमी पर कैसे करें कान्हा की आरती…
कैसे करें लड्डू गोपाल की आरती? (Kaise kare Laddu Gopal ki Aarti)
- आरती से पहले लड्डू गोपाली की पूजा करें। कुमकुम से तिलक करें। दीपक जलाएं। फूलों की माला पहनाएं।
- शुद्धता पूर्वक घर में ही बने प्रसाद का भोग लगाएं। इसके बाद शुद्ध घी के दीपक से लड्डू गोपाल की आरती करें।
- पहले 4 बार लड्डू गोपाल के चरणों से, 2 बार नाभि से, 1 बार मुख पर से और 7 बार पूरे शरीर से आरती उतारें।
भगवान श्रीकृष्ण की आरती (Janmashtami Aarti)
आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥
गले में बैजंती माला, बजावै मुरली मधुर बाला ।
श्रवण में कुण्डल झलकाला, नंद के आनंद नंदलाला ।
गगन सम अंग कांति काली, राधिका चमक रही आली ।
लतन में ठाढ़े बनमाली;
भ्रमर सी अलक, कस्तूरी तिलक, चंद्र सी झलक;
ललित छवि श्यामा प्यारी की ॥ श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की…
कनकमय मोर मुकुट बिलसै, देवता दरसन को तरसैं ।
गगन सों सुमन रासि बरसै;
बजे मुरचंग, मधुर मिरदंग, ग्वालिन संग;
अतुल रति गोप कुमारी की ॥ श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की…
जहां ते प्रकट भई गंगा, कलुष कलि हारिणि श्रीगंगा ।
स्मरन ते होत मोह भंगा;
बसी सिव सीस, जटा के बीच, हरै अघ कीच;
चरन छवि श्रीबनवारी की ॥ श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की…
चमकती उज्ज्वल तट रेनू, बज रही वृंदावन बेनू ।
चहुं दिसि गोपि ग्वाल धेनू;
हंसत मृदु मंद,चांदनी चंद, कटत भव फंद;
टेर सुन दीन भिखारी की ॥ श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की…
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