सार

Maghi Purnima Katha: ज्योतिष शास्त्र में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व बताया गया है। इस तिथि से स्वामी चंद्रमा हैं। पूर्णिमा तिथि पर कईं बड़े व्रत-त्योहार भी मनाए जातें हैं, इसलिए भी इसकी मान्यता काफी अधिक है। जानें इस बार माघ मास की पूर्णिमा कब है?

 

Kab Hai Maghi Purnima 2024: धर्म ग्रंथों में माघ मास की पूर्णिमा का विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान और जरूरतमंदों को दान करने का विशेष महत्व है। इस बार ये माघ मास की पूर्णिमा 24 फरवरी, शनिवार को है। इस दिन एक महीने तक चलने वाला कल्वपास समाप्त होता है, इसलिए इस तिथि परगंगा नदी के तटों पर लोगों की भीड़ उमड़ती है। जानें माघी पूर्णिमा पर क्यों है गंगा स्नान करने की परंपरा…

ये है माघी पूर्णिमा की कथा (Story Of Maghi Purnima)
- पद्म पुराण में बताई गई एक कथा अनुसार एक बार भूलवश भगवान विष्णु के पैर के नीचे एक बिच्छू आ गया। अपने बचाव के लिए बिच्छु ने श्रीहरि को डंक मार दिया, लेकिन फिर भी श्रीहरि के पैर के नीचे दबने से उसकी मृत्यु हो गई।
- बिच्छु के मरने और उसके द्वारा काटे जाने से भगवान विष्णु का मन विचलित हो गया। वे परेशान हो गए कि अब क्या किया जाए? बिच्छू का जहर तो औषधियों से दूर हो गया, लेकिन उसकी मृत्यु का दुख श्रीहरि को परेशान कर रहा था।
- तभी वहां नारद मुनि आए। उन्हें श्रीहरि ने पूरी बात बता दी। नारद मुनि ने कहा कि ‘आप माघ पूर्णिमा पर पृथ्वी पर जाकर गंगा में स्नान करें, इससे आपके मन की सारी पीड़ा दूर होगी और जीव हत्या का पाप भी नहीं लगेगा।’
- श्रीहरि भेष बदलकर माघ पूर्णिमा पर स्नान करने आए। यहां उन्होंने स्नान किया और ऋषि मुनियों को दान-दक्षिणा भी दी, जिससे उन्हें जीव हत्या के दोष से मुक्ति मिली। तभी से माघ पूर्णिमा पर गंगा नदी में स्नान की परंपरा प्रारंभ हुई।
- मान्यता है कि माघ पूर्णिमा पर श्रीहरि विष्णु रूप बदलकर गंगा स्नान के लिए यहां संगम तट पर आते हैं। इस दिन गंगा तटों पर मेले भी आयोजित होते हैं। अन्य पवित्र नदियों पर भी श्रद्धालु स्नान करने पहुंचते हैं।


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