सार

Ganga Saptami 2024: गंगा नदी में हिंदू धर्म में परम पवित्र माना जाता है। इसे देवनदी भी कहा जाता है। मान्यता है कि गंगा नदी स्वर्ग से उतरकर धरती पर आई है। साल में कईं बार गंगा से जुड़े व्रत-त्योहार भी मनाए जाते हैं।

 

Ganga Aarti Lyrics in Hindi: वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को गंगा सप्तमी का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 14 मई, मंगलवार को मनाया जाएगा। मान्यता है कि इसी तिथि पर गंगा भगवान ब्रह्मा के कमंडल से निकलकर स्वर्ग में बहने लगी थी। इस तिथि पर गंगा नदी के तटों पर विशेष कार्यक्रम पूजा-हवन मेले आदि का आदि आयोजन होता है। इस दिन गंगा नदी में स्नान का भी विशेष महत्व है। अगर आप इस दिन गंगा स्नान न कर पाएं तो घर पर ही गंगा आरती करें।

कितने दीपकों से करें गंगा आरती
अगर आप गंगा सप्तमी पर गंगा नदी में स्नान का फल पाना चाहते हैं तो इसके लिए अपने घर पर ही देवी गंगा की प्रतिमा या चित्र स्थापित कर पहले इसकी विधि-विधान से पूजा करें। इसके बाद 11 या 21 दीपकों से आरती करें। ऐसा करने आपके घर में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहेगी।

कैसे करें मां गंगा की आरती?
ग्रंथों में देवी गंगा की आरती उतारने की खास विधि बताई गई है। मां गंगा की आरती 14 बार उतारनी चाहिए। सबसे पहले 4 बार चरणों पर से, 2 बार नाभि पर से, 1 बार मुख पर से और 7 बार पूरे शरीर पर से। इस प्रकार देवी गंगा की आरती करने से सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।

गंगा माता की आरती (Ganga Aarti Hindi Mai)
ओम जय गंगे माता, श्री जय गंगे माता ।
जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता ॥
चंद्र सी जोत तुम्हारी, जल निर्मल आता ।
शरण पडें जो तेरी, सो नर तर जाता ॥
॥ ओम जय गंगे माता..॥
पुत्र सगर के तारे, सब जग को ज्ञाता ।
कृपा दृष्टि तुम्हारी, त्रिभुवन सुख दाता ॥
॥ ओम जय गंगे माता..॥
एक ही बार जो तेरी, शारणागति आता ।
यम की त्रास मिटा कर, परमगति पाता ॥
॥ ओम जय गंगे माता..॥
आरती मात तुम्हारी, जो जन नित्य गाता ।
दास वही सहज में, मुक्त्ति को पाता ॥
॥ ओम जय गंगे माता..॥
ओम जय गंगे माता, श्री जय गंगे माता ।
जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता ॥
ओम जय गंगे माता, श्री जय गंगे माता ।


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