सार

Kharna 2023 Kya Kare-Kya Nahi: छठ पूजा का त्योहार 4 दिनों तक मनाया जाता है। हर दिन का अपना खास महत्व होता है। छठ पूजा के दूसरे दिन को खरना कहते हैं। इस दिन भी कईं परंपराओं का पालन किया जाता है और विशेष प्रसाद तैयार किया जाता है।

 

Kharna 2023 Niyam: सूर्य पूजा का महापर्व छठ 17 नवंबर, शुक्रवार से शुरू हो चुका है। ये पर्व 4 दिनों तक चलेगा। छठ पर्व के दूसरे दिन यानी 18 नवंबर, शनिवार को खरना का व्रत किया जाएगा। खरना को बहुत ही खास माना जाता है, इस दौरान कईं तरह की परंपराओं का पालन किया जाता है और प्रसाद भी तैयार किया जाता है। ये प्रसाद एक बंद कमरे में तैयार किया जाता है। आगे जानिए खरना से जुड़ी खास बातें…

कैसे करते हैं खरना व्रत? (Kaise Karte Hai Kharna Vrat)
छठ पूजा के दूसरे दिन खरना व्रत किया जाता है, इसी दिन से व्रतधारियों का 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो जाता है। इस दिन महिलाएं शाम को पूजा के बाद 36 घंटे के लिए निर्जला उपवास रखेंगी। शाम के पहले भगवान को रोटी, गुड़ की खीर और फल का भोग लगाएंगे। इसी भोग को महिलाएं प्रसाद के रूप में ग्रहण करेंगी और अगले 36 घंटों तक कुछ भी खाएंगी-पीएंगी नहीं। ये उपवास सप्तमी तिथि की सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही समाप्त होता है।

कौन हैं छठी मैया? (Koun Hai Chhathi Maiya)
खरना व्रत के दौरान छठी मैया की पूजा करनी चाहिए। छटी मैया का के बारे में ब्रह्मवैवर्त पुराण में बताया गया है। षष्ठी देवी यानी छठी मैया प्रमुख मातृ शक्तियों का ही एक रूप है। ये देवी नवजात बच्चों की रक्षा करती हैं और उन्हें अच्छी सेहत व लंबी उम्र प्रदान करती हैं। इन्हीं देवी की पूजा छठ पूजा के दौरान की जाती है।

इन बातों का रखें ध्यान? (Kharna Vrat Mai Kya Kare-Kya Nahi)
1. खरना का प्रसाद बनाते समय शुद्धता का पूरी तरह से ध्यान रखें।
2. अगर इस दिन घर पर कोई व्यक्ति किसी इच्छा से आए तो उसे खाली हाथ न लौटाएं। उसे अपनी इच्छा अनुसार कुछ न कुछ जरूर दें।
3. व्रती महिलाएं गलत विचार मन में न लाएं। छठी मैया व सूर्यदेव की पूजा में मन लगाएं।
4. व्रत करने वाली महिलाओं के घर में भी कोई मांस-मदिरा का सेवन न करें।

 

ये भी पढ़ें-

Chhath Puja Ki Katha: छठ व्रत में किस देवी की होती है पूजा? जानें छठ पूजा की रोचक कथा


Chhath Puja 2023: क्या है ‘ठेकुआ’, जिसके बिना अधूरा है छठ पर्व?


Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।