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Shardiya Navratri Ki Katha: क्यों मनाते हैं नवरात्रि, ये 9 दिन की ही क्यों होती है? 4 रोचक फैक्ट
Shardiya Navratri Ki Katha: हर साल आश्विन मास में शारदीय नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। ये पर्व 9 दिन का होता है। नवरात्रि क्यों मनाते हैं और ये 9 दिन की ही क्यों होती है? इस बारे में बहुत कम लोगों को जानकारी है। जानें इस पर्व से जुड़ी 4 रोचक बातें।

जानें नवरात्रि से जुड़ी रोचक बातें
Shardiya Navratri 2025: इस बार शारदीय नवरात्रि का पर्व 22 सितंबर से 1 अक्टूबर तक मनाया जाएगा। तिथि बढ़ने के कारण इस बार नवरात्रि 9 नहीं बल्कि 10 दिनों की होगी। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नवरात्रि के दिनों का बढ़ना शुभ संकेत है। नवरात्रि पर्व को लेकर लोगों के मन में कईं सवाल हैं जैसे नवरात्रि पर्व क्यों मनाते हैं, ये 9 दिन का ही क्यों होता है, इससे कम या ज्यादा दिनों का क्यों नहीं? इन सभी सवालों के जवाब आपको देंगे उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा। आगे जानें नवरात्रि पर्व से जुड़ी 4 रोचक बातें…
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क्यों मनाते हैं नवरात्रि?
प्रचलित कथा के अनुसार, किसी समय महिषासुर नाम का एक पराक्रमी दैत्य था। उसने देवराज इंद्र को हराकर स्वर्ग पर भी अधिकार कर लिया। तब सभी देवताओं ने आदि शक्ति का आवाहन किया, जिससे देवी दुर्गा प्रकट हुईं। देवताओं ने देवी को अपने अस्त्र-शस्त्र देकर युद्ध के लिए प्रेरित किया। देवी और महिषासुर के बीच भयंकर युद्ध हुआ, जिसमें महिषासुर मारा गया। महिषासुर पर विजय पाने की खुशी में सभी देवताओं ने देवी की पूजा की। तभी से नवरात्रि पर्व मनाया जा रहा है।
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नवरात्रि 9 दिन की ही क्यों होती है?
मान्यता है कि देवी दुर्गा और महिषासुर के बीच लगातार 9 दिनों तक युद्ध होता रहा। इस दौरान देवता प्रतिदिन देवी की पूजा और मंत्र जाप कर उनकी शक्ति बढ़ाते रहे। इसी शक्ति से देवी दुर्गा ने दसवें दिन महिषासुर का वध कर दिया। यही कारण है कि नवरात्रि पर्व 9 दिनों तक मनाया जाता है। दसवे दिन महिषासुर के वध किए जाने पर विजयादशमी पर्व मनाते हैं।
श्रीराम ने भी की थी देवी की पूजा
नवरात्रि पर्व मनाने की पीछे एक और कथा प्रचलित है। उसके अनुसार, जब भगवान श्रीराम ने लंका पर आक्रमण कर रावण के सभी पराक्रमी योद्धाओं का वध कर दिया तब रावण स्वयं मैदान में आया। रावण का वध करने से पहले भगवान श्रीराम ने लगातार 9 दिनों तक देवी को प्रसन्न करने के लिए पूजा की। प्रसन्न होकर देवी ने उन्हें विजय का आशीर्वाद दिया। देवी के आशीर्वाद से ही श्रीराम ने रावण का वध किया। इसलिए भी नवरात्रि पर्व मनाते हैं।
इसलिए भी मनाते हैं नवरात्रि
शारदीय नवरात्रि का पर्व वर्षा और शीत ऋतु के संधिकाल में मनाया जाता है। यानी इस समय वर्षा ऋति समाप्त हो रही होती है और शीत ऋतु का आगमन होता है। आयुर्वेद की मानें तो ये समय बीमारियां बढ़ाने वाला होता है। नवरात्रि में मंत्र जाप, उपवास व हवन आदि उपाय करने से शारीरिक क्षमता का विकास होता है और हम इन मौसमी बीमारियों से बच सकते हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए हमारे विद्वानों ने नवरात्रि पर्व मनाने की शुरूआत की।
Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।