सार

Navratri 2024: नवरात्रि के चौथे दिन की देवी मां कूष्मांडा हैं। इनकी पूजा करने से लंबी उम्र मिलती है और सेहत भी ठीक रहती है। मान्यता है कि देवी कूष्मांडा के उदर यानी पेट से ही इस संसार की उत्पत्ति हुई है।

 

Navratri 2024 Devi Kushmanda Puja Vidhi: शारदीय नवरात्रि की चतुर्थी तिथि 6 अक्टूबर, रविवार को है। इस तिथि की देवी कूष्मांडा हैं। नवरात्रि की चतुर्थी तिथि पर देवी कूष्मांडा की पूजा करने से लंबी उम्र के साथ मान-सम्मान और अच्छी सेहत का वरदान मिलता है। आगे डिटेल में जानें देवी कूष्मांडा की पूजा विधि, आरती, कथा आदि बातें…

6 अक्टूबर 2024 शुभ मुहूर्त
- सुबह 07:51 से 09:19 तक
- सुबह 09:19 से 10:47 तक
- सुबह 11:51 से दोपहर 12:38 तक
- दोपहर 01:42 से 03:10 तक

देवी कूष्मांडा की पूजा विधि (Devi Kushmanda Puja Vidhi-Mantra)
- शारदीय नवरात्रि के चौथे दिन यानी 6 अक्टूबर, रविवार को सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें और व्रत-पूजा का संकल्प लें।
- एक बाजोट यानी लकड़ी के पटिए पर लाल कपड़ा बिछाकर इसके ऊपर देवी कूष्मांडा की तस्वीर स्थापित करें।
- प्रतिमा के सामने शुद्ध घी का दीपक जलाएं। देवी को कुमकुम से तिलक करें और फूलों की माला पहनाएं।
- अबीर, गुलाल, चंदन, हल्दी, मेहंदी, आदि चीजें एक-एक करके चढ़ाते रहें। देवी को मालपुए का भोग लगाएं।
- नीचे लिखे मंत्र का जाप कम से कम 11 बार करें और इसके बाद आरती करें-
या देवी सर्वभूतेषु मां कूष्मांडा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

मां कूष्मांडा की आरती (Devi Kushmanda Aarti)
कूष्मांडा जय जग सुखदानी। मुझ पर दया करो महारानी॥
पिगंला ज्वालामुखी निराली। शाकंबरी मां भोली भाली॥
लाखों नाम निराले तेरे। भक्त कई मतवाले तेरे॥
भीमा पर्वत पर है डेरा। स्वीकारो प्रणाम ये मेरा॥
सबकी सुनती हो जगदंबे। सुख पहुंचती हो मां अंबे॥
तेरे दर्शन का मैं प्यासा। पूर्ण कर दो मेरी आशा॥
मां के मन में ममता भारी। क्यों ना सुनेगी अरज हमारी॥
तेरे दर पर किया है डेरा। दूर करो मां संकट मेरा॥
मेरे कारज पूरे कर दो। मेरे तुम भंडारे भर दो॥
तेरा दास तुझे ही ध्याए। भक्त तेरे दर शीश झुकाए॥


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