सार
Sawan 2024 Upay: रुद्राक्ष के बारे में हम सभी जानते हैं। भगवान शिव इसे आभूषण के रूप में पहनते हैं। शिवपुराण में रुद्राक्ष के अनेक प्रकार बताए गए हैं। इन्हें पहनने से अलग-अलग लाभ भी होते हैं। सावन मास में इसे पहनना बहुत शुभ माना गया है।
Rudraksh Pahnne Ke Fayde: रुद्राक्ष के बारे में हम सभी जानते हैं। शिवपुराण के अनुसार, इसकी उत्तपत्ति भगवान शिव के आंसू से हुई है, इसलिए रुद्राक्ष यानी ‘रुद्र’ ‘अक्ष’ कहा जाता है। ये भगवान का आभूषण भी है। शिवजी को प्रसन्न करने के लिए भक्त इसकी माला भी पहनते हैं। धर्म ग्रंथों में इसे पहनने के कईं फायदे बताए गए हैं। शिवपुराण की विद्येश्वर संहिता में रुद्राक्ष के 14 प्रकार बताए गए हैं। इनमें से एक रुद्राक्ष ऐसा भी है, जिसे पहनने से धन लाभ के योग बनने लगते हैं। सावन 2024 के पवित्र महीने में जानें कितने प्रकार के होते हैं रुद्राक्ष, इनका महत्व और पहनने के मंत्र…
1. एक मुखी रुद्राक्ष
शिवपुराण के अनुसार, एक मुखी रुद्राक्ष साक्षात भगवान शिव का ही स्वरूप है। जहां इसकी पूजा होती है, वहां से माता लक्ष्मी दूर नहीं जातीं और जो व्यक्ति इस रुद्राक्ष को गले में पहनता है, उसे धन की कमी नहीं होती।
पहनने का मंत्र- ऊं ह्रीं नम:
2. दो मुखी रुद्राक्ष
शिवपुराण में 2 मुख वाले को रुद्राक्ष को देव देवेश्वर कहा गया है। इस रुद्राक्ष को पहनने से व्यक्ति की सभी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं। एक मुखी रुद्राक्ष की तरह इसका भी खास महत्व है।
पहनने का मंत्र- ऊं नम:
3. तीन मुखी रुद्राक्ष
जो व्यक्ति तीन मुख वाला रुद्राक्ष पहनता है, उसे हर काम में सफलता मिलती है, ऐसा शिवपुराण में लिखा है।
पहनने का मंत्र- ऊं क्लीं नम:
4. चार मुखी रुद्राक्ष
चार मुख वाले रुद्राक्ष को ब्रह्मा का स्वरूप माना गया है। ग्रंथों के अनुसार, इसे पहनने से धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष की प्राप्ति होती है।
पहनने का मंत्र- ऊं ह्रीं नम:
5. पंचमुखी रुद्राक्ष
लिंग पुराण के अनुसार, पांच मुख वाला रुद्राक्ष काल के समान रुद्र का स्वरूप माना गया है। इसको पहनने से मानसिक शक्ति का विकास होता है।
पहनने का मंत्र- ऊं ह्रीं नम:
6. छ: मुखी रुद्राक्ष
छ: मुख वाला रुद्राक्ष भगवान शिव के बड़े पुत्र कार्तिकेय का रूप माना गया है। जो भी इस रुद्राक्ष को पहनता है, उसके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे हर काम में सफलता भी मिलती है।
पहनने का मंत्र- ऊं ह्रीं हुं नम:
7. सात मुखी रुद्राक्ष
सात मुख वाला रुद्राक्ष का नाम अनंग है। शिवपुराण के अनुसार, यदि कोई गरीब व्यक्ति भी इसे पहन ले तो वह भी धनवान बन जाता है।
पहनने का मंत्र- ऊं हुं नम:
8. अष्टमुखी रुद्राक्ष
आठ मुख वाला रुद्राक्ष भगवान भैरव का स्वरूप है। जो भी ये रुद्राक्ष पहनता है उसकी आयु बढ़ जाती है, ऐसा धर्म ग्रंथों में लिखा है।
पहनने का मंत्र- ऊं हुं नम:
9. नौमुखी रुद्राक्ष
नौ मुख वाला रुद्राक्ष कपिलमुनि का प्रतीक है, जो भगवान विष्णु के ज्ञान अवतार माने जाते हैं। इसे पहनने से गुस्से पर नियंत्रण होता है और ज्ञान मिलता है।
पहनने का मंत्र- ऊं ह्रीं हुं नम:
10. दस मुखी रुद्राक्ष
दस मुख वाला रुद्राक्ष भगवान विष्णु का रूप माना गया है। जो भी व्यक्ति इसे पहनने है, उसकी सभी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं।
पहनने का मंत्र- ऊं ह्रीं नम:
11. ग्यारह मुखी रुद्राक्ष
शिवपुराण के अनुसार, ग्यारह मुखवाला रुद्राक्ष जो व्यक्ति पहनता है, किसी भी क्षेत्र में उसकी कभी हार नहीं होती और हर काम सफलता मिलती है।
पहनने का मंत्र- ऊं ह्रीं हुं नम:
12. बारह मुखी रुद्राक्ष
बारह मुख वाले रुद्राक्ष को पहनने से व्यक्ति को इज्जत, शोहरत, पैसा या अन्य किसी चीज की कभी कोई कमी नहीं होती। वह सुख-सुविधाओं में जीवन जीता है।
पहनने का मंत्र- ऊं क्रौं क्षौं रौं नम:
13. तेरह मुखी रुद्राक्ष
तेरह मुख वाला रुद्राक्ष विश्वदेवों का रूप है। इसे पहनने से व्यक्ति का गुड लक बढ़ जाता है और किस्मत उसका साथ देने लगती है।
पहनने का मंत्र- ऊं ह्रीं नम:
14. चौदह मुखी रुद्राक्ष
चौदह मुख वाला रुद्राक्ष साक्षात भगवान शिव का स्वरूप माना गया है। इसे पहनने से पापों का नाश होता है और परेशानियों दूर हो जाती हैं।
धारण करने का मंत्र- ऊं नम:
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