सार

Kab hai Tulsi Pujan Diwas 2024: हर साल 25 दिसंबर को तुलसी पूजन दिवस मनाया जाता है। इस दिन तुलसी की पूजा विशेष रूप से की जाती है। हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे का विशेष महत्व बताया गया है।

 

Tulsi Pujan Diwas 2024 Puja Vidhi: हिंदू धर्म में पेड़-पौधों की देवी-देवताओं का स्वरूप माना गया है। तुलसी भी इन पौधों में से एक है। हर साल 25 दिसंबर को तुलसी पूजन दिवस मनाया जाता है। इस दिन तुलसी के पौधे की विशेष पूजा की जाती है, मान्यता है कि ऐसा करने से जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। इस दिन अगर आप तुलसी की पूजा न कर पाएं तो तुलसी के मंत्रों का जाप भी कर सकते हैं। आगे जानिए तुलसी पूजा की विधि…

तुलसी पूजा के शुभ मुहूर्त (Tulsi Pujan Diwas 2024 Shubh Muhurat)

- सुबह 08:29 से 09:48 तक
- सुबह 11:07 से दोपहर 12:27 तक
- दोपहर 03:05 से शाम 04:24 तक
- शाम 04:24 से 05:44 तक

इस विधि से करें पूजा (Tulsi Pujan Diwas Puja Vidhi)

- 25 दिसंबर की सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें और इसके बाद हाथ में जल-चावल लेकर पूजा के लिए संकल्प लें।
- शुभ मुहूर्त से पहले पूजा सामग्री एक स्थान पर एकत्रित कर लें। घर में या आस-पास जहां भी तुलसी का पौधा हो वहां पूजा करें।
- सबसे पहले हार-फूल चढ़ाएं, फिर शुद्ध घी का दीपक जलाएं। कुंकुम, चावल, गुलाल, रोली अबीर आदि सामग्री चढ़ाएं।
- इसके बाद हाथ जोड़कर तुलसी के पौधे को प्रणाम करें और परिक्रमा करते समय नीचे लिखा मंत्र बोलें-
वृंदा वृंदावनी विश्वपूजिता विश्वपावनी।
पुष्पसारा नंदनीय तुलसी कृष्ण जीवनी।।
एतभामांष्टक चैव स्त्रोतं नामर्थं संयुतम।
यः पठेत तां च सम्पूज्य सौश्रमेघ फलंलमेता।।
- पूजा के बाद देवी तुलसी को भोग लगाएं और आरती करें। इस तरह तुलसी की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

तुलसी माता की आरती (Tulsi Ki Aarti)

जय जय तुलसी माता, मैया जय तुलसी माता।
सब जग की सुख दाता, सबकी वर माता ॥
॥ जय तुलसी माता...॥
सब योगों से ऊपर, सब रोगों से ऊपर ।
रज से रक्ष करके, सबकी भव त्राता ॥
॥ जय तुलसी माता...॥
बटु पुत्री है श्यामा, सूर बल्ली है ग्राम्या ।
विष्णुप्रिय जो नर तुमको सेवे, सो नर तर जाता ॥
॥ जय तुलसी माता...॥
हरि के शीश विराजत, त्रिभुवन से हो वंदित ।
पतित जनों की तारिणी, तुम हो विख्याता ॥
॥ जय तुलसी माता...॥
लेकर जन्म विजन में, आई दिव्य भवन में ।
मानव लोक तुम्हीं से, सुख-संपति पाता ॥
॥ जय तुलसी माता...॥
हरि को तुम अति प्यारी, श्याम वर्ण सुकुमारी ।
प्रेम अजब है उनका, तुमसे कैसा नाता ॥
हमारी विपद हरो तुम, कृपा करो माता ॥
॥ जय तुलसी माता...॥


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