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Vinayak Chaturthi July 2023: विनायकी चतुर्थी 21 जुलाई को, 19 साल बाद बना है ये संयोग, जानें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

Vinayak Chaturthi 2023: इस बार 21 जुलाई, शुक्रवार को सावन अधिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि है। इस दिन विनायकी चतुर्थी का व्रत किया जाएगा। इस दिन कई शुभ योग भी बनेंगे, जिसके चलते इस व्रत का महत्व और भी बढ़ गया है। 

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Manish Meharele
Published : Jul 20 2023, 02:53 PM IST| Updated : Jul 21 2023, 08:42 AM IST
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क्यों खास है सावन अधिक मास की चतुर्थी?
Image Credit : Getty

क्यों खास है सावन अधिक मास की चतुर्थी?

धर्म ग्रंथों के अनुसार, प्रत्येक महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी (Vinayak Chaturthi July 2023) का व्रत किया जाता है, इसे वरद चतुर्थी भी कहते हैं। इस दिन भगवान श्रीगणेश की पूजा करने का विधान है। इस बार ये तिथि 21 जुलाई, शुक्रवार को है। इस बार ये व्रत इसलिए खास है क्योंकि ये सावन के अधिक मास की चतुर्थी तिथि है। इसके पहले ये तिथि 19 साल पहले आई थी। इस दिन और भी कई शुभ योग बन रहे हैं। आगे जानिए क्यों खास है ये तिथि, पूजा विधि, शुभ मुहूर्त व अन्य खास बातें…

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19 साल बाद बना है ये शुभ संयोग
Image Credit : Getty

19 साल बाद बना है ये शुभ संयोग

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, इस समय सावन का अधिक मास चल रहा है, जो 18 जुलाई से शुरू हुआ है। अधिक मास हर तीसरे साला आता है लेकन सावन का अधिक मास 19 साल बाद आया है। इसके पहसे सावन का अधिक मास साल 2004 में आया था। यानी 19 साल बाद सावन के अधिक मास में विनायकी चतुर्थी का व्रत किया जाएगा।

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कौन-कौन से शुभ योग बनेंगे इस दिन?
Image Credit : Getty

कौन-कौन से शुभ योग बनेंगे इस दिन?

पंचांग के अनुसार, सावन अधिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 21 जुलाई, शुक्रवार की सुबह 06:58 से शुरू होकर 22 जुलाई, शनिवार की सुबह 09:26 तक रहेगी। इस दिन सिद्धि नाम का शुभ योग रहेगा। साथ ही बुध और सूर्य के एक ही राशि में होने से बुधादित्य नाम का राजयोग भी बनेगा। इन दोनों शुभ योगों में की गई पूजा, व्रत कई गुना ज्यादा फल देने वाले रहेंगे।

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जानें पूजा के शुभ मुहूर्त
Image Credit : Getty

जानें पूजा के शुभ मुहूर्त

- सुबह 07:35 AM 09:14 तक
- दोपहर 12:06 से 12:59 तक
- दोपहर 12:33 से 02:12 तक
- दोपहर 05:30 से 07:09 तक

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इस विधि से करें सावन अधिमास विनायकी चतुर्थी का व्रत-पूजा (Vinayaki Chaturthi July 2023 Puja Vidhi)
Image Credit : Getty

इस विधि से करें सावन अधिमास विनायकी चतुर्थी का व्रत-पूजा (Vinayaki Chaturthi July 2023 Puja Vidhi)

- 21 जून, शुक्रवार की सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद व्रत और पूजा का विधिवत संकल्प लें। बिना संकल्प के व्रत-पूजा का संपूर्ण फल नहीं मिलता।
- संकल्प लेने के लिए हाथ में पानी, चावल और फूल लेकर अपनी मनोकामना मन ही मन कहें और व्रत पूर्ण करने के लिए श्रीगणेश से आशीर्वाद मांगे।
- ऊपर बताए गए किसी मुहूर्त में भगवान श्रीगणेश की प्रतिमा किसी साफ स्थान पर स्थापित करें। उसके सामने शुद्ध घी का दीपक जलाएं।
- इसके बाद भगवान श्रीगणेश की प्रतिमा को माला पहनाएं और तिलक लगाएं। एक-एक करके दूर्वा, अबीर, गुलाल, चावल रोली, हल्दी आदि चढ़ाते रहें।
- पूजा करते समय ऊं गं गणेशाय नम: मंत्र का जाप करते रहें। अंत में अपनी इच्छा अनुसार भोग लगाएं और आरती करें।
- शाम को जब चंद्रमा उदय हो जाए तो जल से अर्ध्य दें और पूजा करने के बाद ही बाद स्वयं भोजन करें।

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भगवान श्रीगणेश की आरती (Lord Ganesha Aarti)
Image Credit : Getty

भगवान श्रीगणेश की आरती (Lord Ganesha Aarti)

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी ।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
'सूर' श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी ।
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥


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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

About the Author

MM
Manish Meharele
मनीष मेहरेले। मीडिया जगत में इनके पास 19 साल से ज्यादा का अनुभव है। वर्तमान समय में ये एशियानेट न्यूज हिंदी के साथ जुड़कर धर्म-आध्यात्म बीट पर काम कर रहे हैं। करियर की शुरुआत इन्होंने स्थानीय अखबार दैनिक अवंतिका से की थी। इसके बाद वह दैनिक भास्कर प्रिंट उज्जैन में वाणिज्य डेस्क प्रभारी रहे और 2010-2019 तक दैनिक भास्कर डिजिटल में धर्म डेस्क पर काम किया। इन्हें महाभारत, रामायण जैसे धार्मिक ग्रंथों का अच्छा ज्ञान है। इनके पास जीव विज्ञान में बीएससी स्नातक की डिग्री है।
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