सार
Abhijeet Muhurt: एक दिन में कई शुभ योग बनते हैं, इन्हें मुहूर्त भी कहा जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, एक दिन में कुल 30 मुहूर्त बनते हैं, इनमें से अभिजीत मुहूर्त भी एक है। ये शुभ मुहूर्त सप्ताह में एक दिन छोड़कर बाकी सभी दिन रहता है।
उज्जैन. हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य से पहले मुहूर्त जरूर देखा जाता है। वैसे तो दिन भर में की शुभ मुहूर्त होते हैं, लेकिन सभी में अभिजीत मुहूर्त (Abhijeet Muhurt) बहुत खास होता है। अभिजीत का अर्थ है विजेता यानी जिस मुहूर्त में किया गया काम सफल हो। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, एक दिन में कुल 30 मुहूर्त होते हैं, इनमें से अभिजीत मुहूर्त भी एक है। इसे मुहूर्त को बहुत ही खास माना जाता है। आगे जानिए इससे जुड़ी खास बातें…
अभिजीत को आठवां मुहूर्त क्यों कहते हैं? (What is Abhijeet Muhurt)
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजे के आस-पास का समय होता है। सूर्योदय के अनुसार इसके समय में आंशिक परिवर्तन देखने को मिलता है। जैसे यदि सूर्योदय सुबह 6 बजे हुआ है तो दोपहर 12 बजे से 24 मिनिट पहले शुरू होकर यह दोपहर 12.24 पर समाप्त हो जाएगा। अभिजीत मुहूर्त से पहले 7 मुहूर्त निकल चुके होते हैं, इसलिए इसे आठवां मुहूर्त कहते हैं।
सप्ताह में किस दिन नहीं रहती अभिजीत मुहूर्त की मान्यता?
वैसे तो सप्ताह में हर दिन अभिजीत मुहूर्त होता है, लेकिन बुधवार को इसकी मान्यता नहीं रहती यानी बुधवार को अभिजीत मुहूर्त होने पर भी आप कोई शुभ कार्य नहीं कर सकते, इसके पीछे कई कारण बताए जाते हैं। उसके अनुसार बुधवार को राहुकाल व अन्य अशुभ योग अभिजीत मुहूर्त के समय पर ही आते हैं, ऐसे में अभिजीत मुहूर्त के समय कोई भी शुभ कार्य करना ठीक नहीं रहता, इसलिए बुधवार को अभिजीत मुहूर्त नहीं माना जाता।
अभिजीत मुहूर्त में क्या करें और क्या करने से बचें?
ज्योतिषाचार्य पं. द्विवेदी के अनुसार, अभिजीत मुहूर्त में वैसे तो हर शुभ कार्य जैसे बिजनेस की शुरूआत करना, पूजा करना, धन से संबंधित काम करना अत्यंत शुभ माना गया है, लेकिन गृह प्रवेश और अन्य मांगलिक कार्यों के लिए अन्य मुहूर्तों पर विचार करना उत्तम रहता है। अभिजीत मुहूर्त में दक्षिण दिशा में यात्रा करना भी शुभ नहीं माना जाता, मान्यता है कि ऐसा करने से परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
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