सार

आचार्य चाणक्य के अनुसार, पत्नी को प्रेम और सम्मान देने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। वे बताते हैं कि पत्नी को छह चीजें देना अनिवार्य है - शारीरिक सुख, धन, प्रेम, स्वतंत्रता, मीठे बोल और रक्षा। इनसे पत्नी ही नहीं, लक्ष्मी भी प्रसन्न रहती हैं।

आचार्य चाणक्य ने हमें  बहुत सी बातें बताई हैं। उसमें शादी के बारे में भी है।  घर में लक्ष्मी का वास होना चाहिए तो...पत्नी को प्रेम से रखना चाहिए।  पत्नी को लक्ष्मी का रूप मानकर.. उन्हें छह चीजें देने पर ही.. असली लक्ष्मी घर में पैर रखती है। तो आइए जानते हैं.. पत्नी को क्या देने से.. उनकी संपत्ति बढ़ती है...


1) शारीरिक सुख (भोग): पत्नी को शारीरिक रूप से भी संतुष्ट रखना चाहिए। उसे शारीरिक सुख देना चाहिए। उसे प्यार करना चाहिए। कठिन काम उससे नहीं करवाने चाहिए। अपनी पत्नी के बदले दूसरी स्त्री से प्रेम करने वाले पुरुष से लक्ष्मी जी को नफरत होती है। उसे धन, मान-सम्मान कुछ समय के लिए ही प्राप्त होता है। यानि वह अस्थायी होता है। क्योंकि घर में लक्ष्मी को प्रसन्न रखना पुरुष का कर्तव्य है।


2) धन : पुरुष को अपनी कमाई हुई धनराशि अपनी पत्नी को दे देनी चाहिए जिसे गृहलक्ष्मी कहते हैं। वह घर के खर्चों को समझकर, बचे हुए धन को संचित करने के लिए अपनी बुद्धि का प्रयोग करती है। विवाहित व्यक्ति के लिए आलस्य करना अच्छा नहीं होता है। अगर वह आलस्य को नहीं त्यागता है तो उसके घर में धन नहीं टिकता है। लक्ष्मी उस घर में प्रवेश नहीं करती है। ऐसे लोग कर्ज लेकर अपनी स्त्रियों को कष्ट देते हैं।

3) प्रेम : एक व्यक्ति को अपनी पत्नी से सच्चे दिल से प्रेम करना चाहिए। ऐसे पुरुष के लिए स्त्री किसी भी त्याग के लिए तैयार रहती है। उसी के कारण पुरुष जीवन में जल्दी तरक्की करता है। प्रेम न होने पर घर निरंतर कलह का अड्डा बन जाता है। हमेशा कलह होने के कारण, बच्चे क्रूर, अवज्ञाकारी और खर्चीले बनते हैं। ऐसे व्यक्ति को कोसती हुई एक न एक दिन पत्नी भी चली जाती है।

4) स्वतंत्रता : लालची पुरुष धन और पत्नी को घर में बंद करके रखने की कोशिश करते हैं। लेकिन इसमें उन्हें सफलता नहीं मिलती है। ऐसे लोग हमेशा दूसरों पर बुरी नजर रखते हैं। लक्ष्मी जी उनसे असंतुष्ट रहती हैं इसलिए ऐसे पुरुष जल्दी ही निर्धन हो जाते हैं।

5) मीठे बोल : पत्नी को गाली देने वाले, बुरे शब्दों से अपमानित करने वाले पुरुष जीवन में कभी सफल नहीं हो पाते हैं। ऐसे पुरुष घर के बड़ों का भी सम्मान नहीं करते हैं। पाप के भागीदार बनते हैं। उन्हें अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है।


6) रक्षा: पत्नी और धन की हमेशा बुरे हाथों से रक्षा करनी चाहिए। क्योंकि ये दोनों एक बार अगर दुष्टों के हाथ लग गए तो वापस मिलने की संभावना कम ही रहती है। 'वनिता वित्तं परहस्त गतं गतम्' ये कहावत नहीं सुनी क्या? इसका मतलब ये नहीं है कि इसे हमेशा तिजोरी में बंद करके रखो। सावधानी से उपयोग करो।

समझदारी से जीवन जीना हर पति-पत्नी के लिए जरूरी है। निस्वार्थ भाव से एक-दूसरे से प्रेम करने पर घर में लक्ष्मी का वास होता है और कलह नहीं होता है, इस बात को ध्यान में रखते हुए चाणक्य ने अपने नीति वचन कहे हैं।