सार

Gayatri Jayanti 2023 Date: देवी गायत्री को वेदमाता कहा जाता है यानी वेदों की उत्पत्ति देवी गायत्री से ही हुई है। हर साल ज्येष्ठ मास में देवी गायत्री का जयंती पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व मई 2023 में मनाया जाएगा।

 

उज्जैन. धर्म ग्रंथों के अनुसार, वेद माता गायत्री का उत्पत्ति ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को हुई थी। तभी से इस दिन वेदमाता गायत्री (Gayatri Jayanti 2023 Date) का जयंती पर्व मनाया जा रहा है। इस बार ये तिथि मई 2023 के अंतिम सप्ताह में पड़ रही है। साथ ही इस दिन कई शुभ योग भी बन रहे हैं, जिसके चलते ये तिथि बहुत ही खास हो गई है। इस दिन देवी गायत्री की पूजा विशेष रूप से की जाती है। आगे जानिए इस बार कब है गायत्री जयंती…

इस दिन मनाया जाएगा गायत्री जयंती पर्व (Gayatri Jayanti 2023 Kab Hai)
पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 29 मई, सोमवार की सुबह 11:49 से शुरू होकर 30 मई, मंगलवार की दोपहर 01:08 तक रहेगी। चूंकि दशमी तिथि का सूर्योदय 30 मई को होगा, इसलिए इसी दिन गायत्री जयंती का पर्व मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसी तिथि पर वेदमाता गायत्री की उत्पत्ति हुई थी।

जानें गायत्री माता की जन्म कथा? (Mata Gayatri Birth Story)
वेदमाता गायत्री के जन्म से संबंधित कई कथाएं प्रचलित हैं। उन्हीं में से एक कथा ये है कि सृष्टि की शुरूआत में ब्रह्मा जी ने मां गायत्री का आवाह्न किया। प्रसन्न होकर गायत्री माता अवतरित हुईं। देवताओं ने मिलकर मां गायत्री को वेदमाता की उपाधि दी। शुरूआत में गायत्री मंत्र की महिमा सिर्फ देवी देवताओं तक सीमित थी, लेकिन महर्षि विश्वामित्र ने कठोर तपस्या करके इस मंत्र को हर व्यक्ति तक पहुंचाया।

ऐसा है वेदमाता गायत्री का स्वरूप?
गायत्री जयंती पर देवी की पूजा विशेष रूप से करने का विधान है। वेदमाता गायत्री को देवी पार्वती, सरस्वती और लक्ष्मी का संयुक्त अवतार भी माना जाता है। इनके एक हाथ में वेद और दूसरे हाथ में कमंडल है। हिंदू धर्म में गायत्री मंत्र को महामंत्र भी कहा गया है। इस मंत्र के जाप से हर परेशानी दूर हो सकती है। गायत्री देवी की पूजा से हर तरह की सुख-समृद्धि बनी रहती है।



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