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Geeta Jayanti 2025: कब और क्यों मनाते हैं गीता जयंती, भगवान श्री कृष्ण के उपदेश बदल देगी आपकी लाइफ
गीता जयंती 2025, 1 दिसंबर को मनाई जाएगी, जिस दिन भगवान कृष्ण ने अर्जुन को भगवद गीता का दिव्य ज्ञान दिया था। इस दिन मोक्षदा एकादशी भी है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने, पूजा करने और गीता पढ़ने से पाप नष्ट होते हैं।

कब मनाई जाएगी गीता जयंती?
कैलेंडर के अनुसार, गीता जयंती हर साल मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। इस साल, गीता की 5162वीं जयंती 1 दिसंबर को मनाई जाएगी। इस दिन को मोक्षदा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, भगवान कृष्ण ने इसी दिन अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था। इसी दिन पवित्र हिंदू ग्रंथ, भगवद गीता का अवतरण हुआ था।
क्यों मनाते हैं गीता जयंती
जिस दिन भगवान कृष्ण ने अर्जुन को गीता दी थी, वह मार्गशीर्ष के शुक्ल पक्ष की एकादशी थी। इसलिए, इस तारीख को गीता जयंती मनाई जाती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने से मन शुद्ध होता है, शरीर स्वस्थ रहता है, पाप नष्ट होते हैं और जीवन में सुख और शांति आती है। हिंदू धर्म में, इसे मोक्ष पाने का मार्गदर्शक दिन भी माना जाता है।
गीता के उपदेश क्या-क्या हैं
सब अच्छा है: भगवान कृष्ण कहते हैं कि ज़िंदगी में जो कुछ भी हुआ है, जो हो रहा है, और जो आगे होगा, सब अच्छा होगा। इसलिए, किसी भी बात पर दुखी या परेशान नहीं होना चाहिए। जो इंसान यह समझ जाता है, उसकी ज़िंदगी सुधर जाती है।
कर्म ही इंसान को महान बनाते हैं
- भगवान कृष्ण बताते हैं कि कोई भी जन्म से महान नहीं होता। उसके कर्म ही इंसान को महान बनाते हैं। इसलिए, हमेशा सही रास्ते पर चलना चाहिए और अच्छे कर्म करने चाहिए। बुरे कर्म इंसान को नीचे ले जाते हैं और उसकी ज़िंदगी बर्बाद कर देते हैं।
- न समय से पहले, न भाग्य के बाद: भगवद गीता में कहा गया है कि इंसान को समय से पहले या भाग्य के बाद कभी कुछ नहीं मिलता। इसलिए, भविष्य की चिंता किए बिना अपना काम करते रहना चाहिए। सब कुछ सही समय पर अपने आप होता है।
सफलता और असफलता में बैलेंस रखें
- गीता के अनुसार, ज़िंदगी में वही इंसान आगे बढ़ता है जो सफलता में घमंड नहीं करता और असफलता में टूटता नहीं। घमंड और निराशा दोनों ही मन को कमज़ोर करते हैं, जिससे इंसान पीछे रह जाता है।
- जो आपका है, उसे कोई नहीं छीन सकता: भगवान कृष्ण कहते हैं कि दुनिया की कोई भी ताकत वह नहीं छीन सकती जो सच में आपका है। जो भी आपकी ज़िंदगी से चला गया, उसे समझो कि वह कभी आपका था ही नहीं। यह समझ ज़िंदगी से दुख दूर करती है।

