सार

Hajj Yatra 2024: मुस्लिमों की पवित्र हज यात्रा इस बार जून 2024 में की जाएगी। इस यात्रा के दौरान मुस्लिम समुदाय के लोग सऊदी अरब के पवित्र शहर मक्का जाते हैं और वहां जाकर खुदा की इबादत करते हैं।

 

Hajj Yatra Ke Niyam: इस्लाम में 5 जरूरी फर्ज माने गए हैं, इनमें से एक है हज करना। इस्लाम की मान्यताओं के अनुसार, हर मुस्लिम व्यक्ति को जीवन में एक बार हज यात्रा जरूर करनी चाहिए। हज यात्रा के लिए पूरी दुनिया के मुस्लिम समुदाय के लोग सऊदी अरब के काबा शहर में जाते हैं जो कि बहुत ही पवित्र स्थान है। काबा का अर्थ है खुदा का घर। हज यात्रा के दौरान यात्रियों को अनेक नियमों का पालन करना होता है। आगे जानिए कब से शुरू होगी हज यात्रा और इससे जुड़ी कुछ खास बातें…

कब से शुरू होगी हज यात्रा 2024? (Hajj Yatra 2024 Date)
धुल हिज्जा इस्लामिक कैलेंडर का अंतिम यानी 12 महीना होता है। इसे महीने की 8वीं तारीख से हज यात्रा शुरू होती है और 10वीं तारीख को ईद अल-अज़हा का पर्व मनाया जाता है, जिसे बकरीद भी कहा जाता है। इस बार हज यात्रा की शुरूआत 14 जून से हो रही है।

इस खास कपड़े को पहनकर की जाती है हज यात्रा (Why is Ihram Important?)
हज यात्रा के दौरान अनेक नियमों का पालन करना होता है। जब हज यात्री सऊदी अरब के मक्का शहर पहुंचते हैं तो उन्हें वहां मीकात नाम की सीमा से गुजरना होता है। इसके लिए पहले इहराम नाम का विशेष वस्त्र पहनना जरूरी होता है। इहराम बिना सीले चादर के दो टुकड़े होते हैं। जिसे शरीर के ऊपरी व निचले हिस्से पर लपेटा जाता है। कहते हैं कि ये वस्त्र पहनने के बाद किसी प्राणी या पेड़-पौधे के प्रति हिंसा करना गुनाह होता है।

बिना सिला कपड़ा ही क्यों पहनते हैं हज यात्रा में?
उर्दू में इहराम का अर्थ है, एक पवित्र अवस्था। हज यात्रा के दौरान सभी को इसे पहनना आवश्यक होता है। कहते हैं कि इस कपड़े को पहनकर हर व्यक्ति एक समान हो जाता है। ये कपड़ा अमीर-गरीब, ऊंच-नीच आदि भेदभाव को भूलाकर सभी को एक जैसा बना देता है। इस स्थिति में हज यात्री दुनिया के प्रलोभनों से दूर सिर्फ खुदा की इबादत करते नजर आते हैं।

महिला-पुरुषों के इहराम अलग-अलग
जो महिलाएं हज करने आती हैं, उन्हें भी इहराम पहनना जरूरी होता है। महिला व पुरूषों के इहराम में कुछ मामूली अंतर होते हैं। इहराम पहनते समय पुरुष के शरीर का कुछ हिस्सा खुला रहता है, जबकि एक महिला को इहराम कपड़ों में पूरे शरीर को छिपाना चाहिए, केवल उसका चेहरा और हाथ खुले रहने चाहिए। हज यात्रा के दौरान, महिलाओं को अपना चेहरा ढ़कने की अनुमति नहीं है।


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