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Hanuman Ashtami 2025: हनुमानजी कैसे हुए अमर, क्या है इनके भाइयों के नाम? जानें 5 फैक्ट
Hanuman Ashtami 2025: हनुमानजी से जुड़ी ऐसी अनेक बातें हैं जिनके बारे में कम ही लोगों को जानकारी है जैसे हनुमानजी को अमर होने का वरदान किसने दिया और इनके कितने भाई थे? हनुमान अष्टमी पर जानें इन सवालों के जवाब।

जानें हनुमानजी से जुड़ी रोचक बातें
Hanuman Ashtami December 2025: साल भर में हनुमानजी से जुड़े अनेक व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं। हनुमान अष्टमी भी इनमें से एक है। ये पर्व पौष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस बार ये उत्सव 12 दिसंबर, शुक्रवार को है। इस दिन प्रमुख हनुमान मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ती है और विशेष आयोजन भी किए जाते हैं। हनुमान अष्टमी के मौके पर हम आपको हनुमानजी से जुड़ी कुछ ऐसी बातें बता रहे हैं जिनके बारे में कम ही लोगों को पता है जैसे हनुमानजी के कितने भाई थे, हनुमानजी को किसने अमरता का वरदान दिया?
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हनुमानजी कैसे हुए अमर?
हनुमानजी अमर हैं ये बात तो सभी जानते हैं लेकिन उन्हें अमरता का वरदान किसने दिया ये बात कम ही लोगों को पता है। रामचरित मानस के अनुसार, हनुमानजी देवी सीता की खोज करते हुए लंका पहुंच गए और रावण का गर्व चूर-चूर कर दिया। वापस लौटते समय वे फिर से देवी सीता से मिले, उस समय देवी सीता ने ही उन्हें अमरता का वरदान दिया था। श्रीराम ने भी हनुमानजी को कलयुग के अंत तक पृथ्वी पर रहकर रामकथा का प्रचार-प्रसार करने को कहा था।
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हनुमानजी के भाइयों के नाम क्या हैं?
बहुत कम लोगों को ये पता है कि हनुमानजी के भाई भी थे। इनकी संख्या और नामों से तो अधिकांश लोग अपरिचित हैं। ब्रह्मांडपुराण के अनुसार, हनुमानजी के 5 भाई थे, जिनके नाम मतिमान, श्रुतिमान, केतुमान, गतिमान और धृतिमान थे। हनुमानजी सभी भाइयों में सबसे बड़े थे। ग्रंथों के अनुसार हनुमानजी के अन्य पांचों भाई विवाहित थे और उनकी संतानें भी थीं।
हनुमानजी की गदा का नाम क्या था?
धर्म ग्रंथों के अनुसार, हनुमानजी की गदा का नाम कौमोदकी था, जो उन्हें यक्षराज कुबेर ने दी थी। कुबेर धन के स्वामी होने के साथ-साथ राक्षसराज रावण के भाई भी थे। इसी गदा से हनुमानजी ने अनेक राक्षसों का वध किया था। ये गदा हनुमानजी की इच्छा अनुसार छोटी और बड़ी हो जाती थी।
हनुमानजी कैसे अपने शरीर को छोटा-बड़ा कर लेते थे?
हनुमानजी के पास 8 सिद्धियां हैं। इन सिद्धियों का नाम हैं- अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व और वशित्व। इनमें से अणिमा के प्रयोग से हनुमानजी का शरीर छोटा हो जाता है और महिमा सिद्धि के प्रयोग से उनका शरीर बहुत बड़ा हो जाता था।
हनुमानजी का असली नाम क्या है?
धर्म ग्रंथों के अनुसार हनुमानजी का मूल नाम मारूति है जो उनके माता-पिता ने रखा था। बाद में इंद्र ने जब अपने वज्र का प्रहार हनुमानजी की ठोड़ी यानी हनु पर किया था इसके बाद उनका नाम हनुमान पड़ गया। ठोड़ी पर चोट लगने से हनुमानजी कुछ देर के लिए अचेत हो गए थे। बाद में ब्रह्मदेव ने उन्हें ठीक किया और देवताओं ने उन्हें अनेक वरदान दिए।
Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।