सार

Hindu Tradition: हिंदू धर्म में हर काम से जुड़ी कोई न कोई परंपरा जरूर होती है। ऐसी ही एक परंपरा भोजन से भी जुड़ी है। इस परंपरा में खाना शुरू करने से पहले आचमन किया जाता है यानी थोड़ा सा पानी पीया जाता है। इस परंपरा के पीछे कई वैज्ञानिक तथ्य छिपे हैं।

 

उज्जैन. हिंदू धर्म की कई परंपरा पूरी तरह से वैज्ञानिक हैं। वर्तमान शोधों से ये बात सिद्ध भी होती है। ऐसी ही एक परंपरा भोजन से जुड़ी है। इस परंपरा के अंतर्गत भोजन शुरू करने से पहले थोड़ा सा जल पीया जाता है, इसे आचमन करना बोला जाता है। (Hindu Tradition) आधुनिक साइंस ने इस बात को सिद्ध किया है खाने शुरू करने से पहले थोड़ा सा पानी पीने से कई तरह के फायदे होते हैं। आयुर्वेद ने भी इस बात की पुष्टि की है। इसलिए ये परंपरा पूरी तरह से वैज्ञानिक सिद्ध होती है। आगे जानिए क्या है ये परंपरा और इसके पीछे का छिपा साइंस कनेक्शन…

क्या है भोजन से पहले आचमन की परंपरा?
हिंदू धर्म के अनुसार, भोजन के पहले आचमन जरूर करना चाहिए। इसके लिए भोजन शुरू करने से पहले हाथ में थोड़ा-सा पानी लेकर पहले तीन बार उसे खाने की थाली की चारों तरफ घुमाते हैं। उसके बाद ईश्वर का धन्यवाद देते हैं और उन्हें भी भोजन ग्रहण करने की प्रार्थना की जाती है। उसके बाद तीन बार हाथ में थोड़ा-सा जल लेकर उसे पीया जाता है। इस दौरान भोजन मंत्र भी बोला जाता है। हालांकि अब ये परंपरा लुप्त होती जा रही है, लेकिन दक्षिण भारत में आज भी इस परंपरा को पूरी निष्ठा के साथ निभाते हैं।

क्या है इस परंपरा के पीछे छिपा साइंस?
आयुर्वेद के अनुसार, भोजन से पहले थोड़ा-सा जल पीने से कई तरह की बीमारियां नहीं होती और खाना भी जल्दी पच जाता है। पानी पीने से गले के शुष्कता यानी रूखापन दूर होता है, जिससे खाना आसानी से आहार नाल से होते हुए पेट में पहुंच जाता है। साथ ही साथ इससे भूख भी अच्छी लगती है। भोजन से पहले पानी पीने से गैस से संबंधित परेशानियां भी नहीं होती और मोटापा भी होता।

भोजन और पानी का संबंध
आयुर्वेद के अनुसार, भोजन से पहले थोड़ा सा पानी पीना सेहत के लिए फायदेमंद रहता है, जबकि भोजन के दौरान पानी नहीं पीना चाहिए, इससे जठराग्नि यानी भोजन पचाने की शक्ति पर बुरा असर होता है। भोजन के बाद सिर्फ दो घूंट पानी पिएं और आधे घंटे के बाद अपनी इच्छा अनुसार पानी पी सकते हैं। भोजन और पानी से जुड़ी इन बातों का ध्यान रखने से सेहत ठीक रहती है और किसी तरह की कोई परेशानी भी नहीं होती।


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