सार
Interesting facts related to Draupadi: महाभारत की कथा जितनी रोचक है, उतनी भी रहस्यमयी भी है। द्रौपदी भी महाभारत की प्रमुख पात्र थी या यूं कहें कि महाभारत युद्ध के पीछे द्रौपदी एक प्रमुख कारण थी, तो गलत नहीं होगा।
द्रौपदी महाभारत के प्रमुख पात्रों में से एक थी। महाभारत युद्ध के पीछे द्रौपदी एक मुख्य कारण थी। द्रौपदी के बारे में ऐसी अनेक बातें हैं जिनके बारे में कम ही लोग जानते हैं जैसे- द्रौपदी पिछले जन्म में कौन थी, क्यों उन्हें 5 पति मिले और उनकी मृत्यु कैसे हुई? ये सभी बातें आज भी लोगों के लिए एक रहस्य है। आज हम आपको द्रौपदी से जुड़ी कुछ ऐसी ही रोचक बातें बता रहे हैं। आगे जानिए द्रौपदी से जुड़े रोचक तथ्य…
पिछले जन्म में कौन थी द्रौपदी? (Who was Draupadi in her previous life?)
महाभारत के अनुसार, पूर्व जन्म में द्रौपदी एक ब्राह्मण कन्या थी। सुंदर और सर्वगुण होने पर भी जब उनका विवाह हुआ तो उन्होंने शिवजी को प्रसन्न करने के लिए घोर तपस्या की। तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव प्रकट हुए और उन्होंने वरदान मांगने को कहा तो ब्राह्मण कन्या ने कहा कि ‘मुझे भरतवंशी पति चाहिए।’ ऐसा उन्होंने 5 बार कहा। भगवान शिव ने उन्हें ये वरदान दे दिया। पांडव भरतवंश में ही पैदा हुए था, इसलिए ये पांचों ही द्रौपदी के पति बने।
द्रौपदी का एक नाम यज्ञसेनी क्यों?
पांचाल देश के राजा द्रुपद गुरु द्रोणाचार्य से बदला लेना चाहता था। द्रोणाचार्य का वध करने वाले पुत्र की इच्छा से उन्होंने एक विशेष यज्ञ का आयोजन करवाया। इस यज्ञ से पहले पराक्रमी धृष्टद्युम्न उत्पन्न हुए और बाद में द्रौपदी। यज्ञ कुंड से प्रकट होने के कारण ही द्रौपदी का एक नाम यज्ञसेनी भी प्रसिद्ध है।
कैसे हुई द्रौपदी की मृत्यु? (How did Draupadi die?)
भगवान श्रीकृष्ण के देह त्यागने के बाद पांडवों ने सशरीर स्वर्ग जाने का निर्णय लिया। इसके पहले उन्होंने परीक्षित को हस्तिनापुर का राजा बनाया और द्रौपदी को लेकर स्वर्ग के मार्ग पर चल पड़े। यात्रा करते-करते पांडव हिमालय तक पहुंच गए। हिमालय लांघ कर पांडव आगे बढ़े तो उन्हें सुमेरु पर्वत दिखाई दिया। जब वे सभी उस पर्वत पर चढ़ रहे थे तभी द्रौपदी लड़खड़ाकर गिर पड़ी और उनकी मृत्यु हो गई।
क्या गलती की थी द्रौपदी ने?
द्रौपदी को मृत अवस्था में देख भीम ने युधिष्ठिर से कहा कि ‘द्रौपदी ने कभी कोई पाप नहीं किया, तो फिर क्या कारण है कि वह सशरीर स्वर्ग नहीं जा पाई।’ युधिष्ठिर ने जवाब दिया कि ‘द्रौपदी हम सभी भाइयों में से अर्जुन को अधिक प्रेम करती थीं। इसलिए उसके साथ ऐसा हुआ है।’ ऐसा कहकर युधिष्ठिर द्रौपदी को देखे बिना ही आगे बढ़ गए।
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