Janmashtami Bhajan: 16 अगस्त के दिन जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाने वाला है। इस खास मौके पर भक्त राधा रानी और भगवान श्री कृष्ण के इन भजनों को सुनकर भक्ति में लीन हो सकते हैं।

Janmashtami Radha Rani Shri Krishna Bhajan: राधा रानी के बिना श्री कृष्ण और श्री कृष्ण के बिना राधा रानी अधूरे हैं। हमेशा दोनों का नाम साथ मिलाया जाता है। साथ में उनकी पूजा की जाती है। 16 अगस्त के दिन जन्माष्टमी का त्योहार पड़ने वाला है। इस खास मौके पर भक्त श्री कृष्ण और राधा रानी के भजन सुनना काफी पसंद करते हैं। घरों में भजनों की आवाज सुनाई देने लगती है। ऐसे में आप भी राधा रानी और भगवान श्री कृष्ण की भक्ति में लीन होना चाहते हैं, तो यहां देखिए उनके प्रसिद्ध जिन्होंने भक्तों के दिलों में बनाई है जगह।

1. राधे राधे जपो चले आएंगे बिहारी:

राधे राधे जपो चले आएँगे बिहारी,

राधे राधे रटो चले आएँगे बिहारी,

आएँगे बिहारी चले आएँगे बिहारी,

राधे राधे जपो चले आएँगे बिहारी ॥

राधा मेरी चंदा,

चकोर है बिहारी,

राधा मेरी चंदा,

चकोर है बिहारी,

राधे राधे जपो चले आएँगे बिहारी ॥

राधा रानी मिश्री,

तो स्वाद है बिहारी,

राधा रानी मिश्री,

तो स्वाद है बिहारी,

राधे राधे जपो चले आएँगे बिहारी ॥

राधा रानी गंगा,

तो धार है बिहारी,

राधा रानी गंगा,

तो धार है बिहारी,

राधे राधे जपो चले आएँगे बिहारी ॥

राधा रानी तन है तो,

प्राण है बिहारी,

राधा रानी तन है तो,

प्राण है बिहारी,

राधे राधे जपो चले आएँगे बिहारी ॥

राधा रानी सागर,

तरंग है बिहारी,

राधा रानी सागर,

तरंग है बिहारी,

राधे राधे जपो चले आएँगे बिहारी ॥

राधा रानी मोहनी,

तो मोहन बिहारी,

राधा रानी मोहनी,

तो मोहन है बिहारी,

राधे राधे जपो चले आएँगे बिहारी ॥

राधा मेरी गोरी तो,

साँवरे बिहारी,

राधा मेरी गोरी तो,

साँवरे बिहारी,

राधे राधे जपो चले आएँगे बिहारी ॥

राधा रानी भोली भाली ,

चंचल बिहारी,

राधा रानी भोली भाली ,

चंचल बिहारी,

राधे राधे जपो चले आएँगे बिहारी ॥

राधा रानी नथनी,

तो कंगन बिहारी,

राधा रानी नथनी,

तो कंगन बिहारी,

राधे राधे जपो चले आएँगे बिहारी ॥

राधा रानी मुरली,

तो तान है बिहारी,

राधा रानी मुरली,

तो तान है बिहारी,

राधे राधे जपो चले आएँगे बिहारी ॥

राधे राधे जपो चले आएँगे बिहारी,

राधे राधे रटो चले आएँगे बिहारी,

आएँगे बिहारी चले आएँगे बिहारी,

राधे राधे जपो चले आएँगे बिहारी ॥

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2. श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम:

श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम

लोग करें मीरा को यूँ ही बदनाम

साँवरे की बंसी को बजने से काम

राधा का भी श्याम वोतो मीरा का भी श्याम

जमुना की लहरें बंसीबट की छैयां

किसका नहीं है कहो कृष्ण कन्हैया

श्याम का दीवाना तो सारा बृज धाम

॥ लोग करें मीरा को...॥

कौन जाने बाँसुरिया किसको बुलाए

जिसके मन भाए वो उसी के गुण गाए

कौन नहीं बंसी की धुन का गुलाम

श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम

लोग करें मीरा को यूँ ही बदनाम

श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम

लोग करें मीरा को यूँ ही बदनाम

साँवरे की बंसी को बजने से काम

राधा का भी श्याम वोतो मीरा का भी श्याम

जमुना की लहरें बंसीबट की छैयां

किसका नहीं है कहो कृष्ण कन्हैया

श्याम का दीवाना तो सारा बृज धाम

॥ लोग करें मीरा को...॥

कौन जाने बाँसुरिया किसको बुलाए

जिसके मन भाए वो उसी के गुण गाए

कौन नहीं बंसी की धुन का गुलाम

श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम

लोग करें मीरा को यूँ ही बदनाम

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3. मीठे रस से भरियो री राधा रानी लागे

श्लोक:

राधा तू बड़भागिनी,

और कौन तपस्या किन,

तीन लोक के स्वामी है,

राधा सब तेरे आधीन ।

मीठे रस से भरीयो री,

राधा रानी लागे,

महारानी लागे,

मने कारो कारो,

जमुना जी रो पानी लागे ॥

यमुना मैया कारी कारी,

राधा गोरी गोरी,

वृन्दावन में धूम मचावे,

बरसाने की छोरी,

ब्रजधाम राधा जु की,

रजधानी लागे,

महारानी लागे,

मने कारो कारो,

जमुना जी रो पानी लागे ॥

ना भावे अब माखन मिसरी,

और ना कोई मिठाई,

जीबड़या ने भावे अब तो,

राधा नाम मलाई,

वृषभानु की लली तो,

गुड़धानी लागे,

गुड़धानी लागे,

मने कारो कारो,

जमुना जी रो पानी लागे

कान्हा नित मुरली मे टेरे,

सुमरे बारम्बार,

कोटिन रूप धरे मनमोहन,

कोई ना पावे पार,

राधा रूप की अनोखी,

पटरानी लागे,

महारानी लागे,

मने कारो कारो,

जमुना जी रो पानी लागे ॥

राधा राधा नाम रटत है,

जो नर आठों याम,

उनकी बाधा दूर करत है,

राधा राधा नाम,

राधा नाम मे सफल,

जिंदगानी लागे,

जिंदगानी लागे,

मने कारो कारो,

जमुना जी रो पानी लागे ॥

मीठे रस से भरयो री,

राधा रानी लागे,

महारानी लागे,

मने कारो कारो,

जमुना जी रो पानी लागे ॥

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4. श्याम आन बसो वृंदावन में

श्यामा आन बसों वृन्दावन में,

मेरी उम्र बीत गयी गोकुल में ।

वृंदावन में होटल

श्यामा रसते में बाग लगा जाना,

फुल बीनुगी तेरी माला के लिए ।

तेरी बाट निहारूं कुंजन में,

मेरी उम्र बीत गयी गोकुल में ॥

श्यामा आन बसों वृन्दावन में,

मेरी उम्र बीत गयी गोकुल में ।

श्यामा रसते में कुआँ खुदवा जाना,

मैं तो नीर भरुंगी तेरे लिए ।

मैं तुझे नहालाउंगी मल-मल के,

मेरी उमर बीत गयी गोकुल में ॥

श्यामा आन बसों वृन्दावन में,

मेरी उमर बीत गयी गोकुल में ।

श्यामा मुरली मधुर सुना जाना,

मोहे आके दरश दिखा जाना ।

तेरी सूरत बसी है अंखियन में,

मेरी उमर बीत गयी गोकुल में ॥

श्यामा आन बसों वृन्दावन में,

मेरी उमर बीत गयी गोकुल में ।

श्यामा वृन्दावन में आ जाना,

आकर के रास रचा जाना ।

सूनी गोकुल की गलियन में,

मेरी उमर बीत गयी गोकुल में ॥

श्यामा आन बसों वृन्दावन में,

मेरी उमर बीत गयी गोकुल में ।

श्यामा माखन चुराने आ जाना,

आकर के दही बिखरा जाना ।

बस आप रहो मेरे मन में,

मेरी उमर बीत गयी गोकुल में ॥

श्यामा आन बसों वृन्दावन में,

मेरी उमर बीत गयी गोकुल में ।

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5. श्याम चूड़ी बेचने आया

मनहारी का भेस बनाया, श्याम चूड़ी बेचने आया।

छलिया का भेस बनाया, श्याम चूड़ी बेचने आया॥

झोली कंधे धरी, उस में चूड़ी भरी।

गलिओं में चोर मचाया, श्याम चूड़ी बेचने आया॥

राधा ने सुनी, ललिता से कही।

मोहन को तरुंत बुलाया, श्याम चूड़ी बेचने आया॥

चूड़ी लाल नहीं पहनू, चूड़ी हरी नहीं पहनू।

मुझे श्याम रंग है भाया, श्याम चूड़ी बेचने आया॥

राधा पहनन लगी श्याम पहनाने लगे।

राधा ने हाथ बढाया, श्याम चूड़ी बेचने आया॥

राधे कहने लगी, तुम हो छलिया बढे।

धीरे से हाथ दबाया, श्याम चूड़ी बेचने आया॥

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