सार

Parshuram Jayanti 2024 Kab Hai: हिंदू धर्म में अष्टजीरंजीवियों की मान्यता है। यानी ऐसा कहा जाता है कि 8 लोग अमर हैं जो सतयुग, त्रेतायुग और द्वापरयुग से आज तक जीवित हैं। इनमें से एक भगवान परशुराम भी हैं।

 

Interesting facts about Lord Parshuram: भगवान विष्णु के अवतार परशुराम के बारे में हम सभी जानते हैं। परशुराम ने क्रोध में आकर 21 बार धरती से क्षत्रियों का नाश कर दिया था। इसके बाद उन्होंने ये धरती महर्षि कश्यप को दान कर दी और स्वयं किसी गुप्त स्थान पर तपस्या करने चले गए। मान्यता है भगवान परशुराम आज भी जीवित हैं, लेकिन वे कहां हैं, इसके बारे में किसी ग्रंथ में नहीं बताया गया है। 10 मई, शुक्रवार को परशुराम जयंती के मौके पर जानिए कुछ रोचक बातें…

क्या सचमुच अमर हैं भगवान परशुराम?
धर्म ग्रंथों में एक श्लोक मिलता है, जिसमें अष्ट चिरंजीवियों का वर्णन है यानी वे आठ लोग जो अमर हैं। ये श्लोक इस प्रकार है-
अश्वत्थामा बलिव्यासो हनूमांश्च विभीषण:।
कृप: परशुरामश्च सप्तएतै चिरजीविन:॥
सप्तैतान् संस्मरेन्नित्यं मार्कण्डेयमथाष्टमम्।
जीवेद्वर्षशतं सोपि सर्वव्याधिविवर्जित।।

अर्थ- अश्वथामा, दैत्यराज बलि, वेद व्यास, हनुमान, विभीषण, कृपाचार्य, परशुराम और मार्कण्डेय ऋषि ये सभी अमर हैं। रोज सुबह इन 8 के नामों का जाप करने से भक्त को निरोगी शरीर और लंबी आयु मिलती है।

राम से कैसे बने परशुराम?
ग्रंथों के अनुसार, बचपन में परशुराम के माता-पिता इन्हें राम कहकर बुलाते थे। जब ये बड़े हुए तो पिता से वेदों की शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद इनके मन में शस्त्र विद्या सीखने की इच्छा हुई। पिता जमदग्नि के कहने पर इन्होंने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए घोर तपस्या की। प्रसन्न होकर शिवजी ने उन्हें कईं दिव्य अस्त्र-शस्त्र प्रदान किए। उन्हीं में से एक एक परशु (फरसा) भी था। यह अस्त्र राम को बहुत प्रिय था। इसे प्राप्त करते ही राम का नाम परशुराम हो गया।

कहां करते हैं परशुराम?
धर्म ग्रंथों की माने तो भगवान परशुराम महेंद्र पर्वत पर निवास करते हैं। वर्तमान में महेंद्र पर्वत उड़ीसा के गजपति जिले के परालाखेमुंडी में मौजूद है। ये पर्वत धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से काफई महत्वपूर्ण है। इससे जुड़ी कईं कथाएं रामायण और महाभारत में मिलती हैं। मान्यता है कि आज भी इस पर्वत की किसी गुप्त गुफा में भगवान परशुराम तपस्या कर रहे हैं।


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