सार

Kashi Vishwanath Live Darshan: काशी एक ऐसा शहर है, जहां जिसकी मृत्यु होती है, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। यहां स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर 12 ज्योतिर्लिंग में से एक है। काशी को प्राचीन और पवित्र सप्तपुरियों में से एक माना जाता है।

 

उज्जैन. शिवमहापुराण में 12 ज्योतिर्लिंगों के बारे में बताया गया है। इनमें से विश्वेश्वर ज्योतिर्लिंग भी एक है। ये उत्तर प्रदेश के काशी में गंगा नदी के तट पर स्थित है। इसे काशी विश्वनाथ के नाम से भी जाना जाता है। शिवपुराण के अनुसार, जब भी संसार में जब भी प्रलय होगी, उस समय भी काशी अपने स्थान पर अडिग रहेगी क्योंकि स्वयं महादेव इसकी रक्षा करेंगे। लिंगपुराण में भी इस स्थान का महत्व बताया गया है। (Kashi Vishwanath Live Darshan) आज (18 फरवरी, शनिवार) महाशिवरात्रि के मौके पर आप घर बैठे कर सकते हैं काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग के लाइव दर्शन…

YouTube video player

कई बार हुआ है इस मंदिर का जीर्णोद्धार
ऐसा माना जाता है कि एक बार जो काशी विश्वनाथ के दर्शन कर लेता है, उसे दूसरा जन्म नहीं लेना पड़ता यानी उसे मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है। इस मंदिर का कई बार जीर्णोद्धार किया गया है। इंदौर की महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने 1777 में काशी विश्वनाथ मंदिर का पूर्णत: जीर्णोद्धार कराया। इस मंदिर में पांच पंडप भी अहिल्याबाई ने ही बनवाए थे। 1853 में पंजाब के राजा रणजीत सिंह ने 22 टन सोने से मंदिर के शिखरों को स्वर्णमंडित करवाया था।

ये है इस मंदिर से जुड़ी पौराणिक कथा (Kashi Vishwanath Ki Katha)
पौराणिक कथाओं के अनुसार, विवाह के बाद भगवान शिव कैलाश पर्वत पर आकर रहने लगे और देवी पार्वती अपने पिता हिमालय के घर। अपने पति से अलग रहकर देवी पार्वती प्रसन्न नहीं थी, तब उन्होंने शिवजी से उन्हें साथ लेकर जाने को कहा। तब शिवजी उन्हें कैलाश के बजाए काशी लेकर आए। ये स्थान देवी पार्वती को इतना पसंद आया कि उन्होंने यही रूकने की अच्छा शिवजी के सामन प्रकट की। तभी से भगवान शिव काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग के रूप में यहीं स्थापित हो गए।

कैसे पहुंचे?
- वाराणसी में दो रेलवे जंक्शन है- वाराणसी जंक्शन और मुगल सराय जंक्शन। यह दोनों रेलवे जंक्शन शहर से पूर्व की ओर 15 किमी की दूरी पर स्थित है।
- वाराणसी के लिए राज्य के कई शहरों जैसे- लखनऊ, कानपुर और इलाहबाद आदि से बसें आसानी से मिल जाती है।
- वाराणसी में अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है, जो देश के प्रमुख शहरों दिल्ली, लखनऊ, मुम्बई, खजुराहो और कोलकाता आदि से सीधी उड़ानों के द्वारा जुड़ा है।


ये भी पढ़ें-

Mahashivratri 2023: उज्जैन के महाकाल में उमड़ा जनसैलाब, देखिए महाशिवरात्रि का श्रृंगार और भस्मारती का Video


Mahashivratri 2023: महाशिवरात्रि पर करें देवी पार्वती की भी पूजा, दूर होंगी परेशानियां और चमक उठेगी किस्मत


Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें। आर्टिकल पर भरोसा करके अगर आप कुछ उपाय या अन्य कोई कार्य करना चाहते हैं तो इसके लिए आप स्वतः जिम्मेदार होंगे। हम इसके लिए उत्तरदायी नहीं होंगे।