सार

मंगलमुखी द्वारा दिया गया सिक्का खर्च नहीं, संभाल कर रखना चाहिए। ऐसा करने से आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। सिक्का काटकर देने के पीछे मंगलमुखियों की निस्वार्थ भावना और मातृत्व प्रेम छिपा होता है।

मंगलमुखी सिक्के क्यों काटते हैं? अगर आप कहीं जा रहे होते हैं तो सामने मिलने वाली मंगलमुखी पैसे मांगती हैं। फिर वे हमारी नजर उतारकर एक सिक्का देती हैं। लोगों को देने वाले सिक्के को अपनी चूड़ियों से छुआकर दांतों से काटकर देती हैं। इस तरह मंगलमुखी द्वारा दिए गए पैसे का क्या करना चाहिए, यह बहुत कम लोगों को पता होता है। यह पैसा क्या करें? सिक्का दांतों से काटकर क्यों देते हैं? आदि प्रश्नों के श्री विद्याशंकर सरस्वती महास्वामीजी ने उत्तर दिए हैं।

श्री विद्याशंकर सरस्वती महास्वामीजी कहते हैं कि पुराणों में भी मंगलमुखियों का उल्लेख मिलता है। शरीर पुरुष का होता है, लेकिन भाव-भंगिमा स्त्री की होती है। मंगलमुखियों को किन्नर या किन्नरी शब्दों से भी पुकारा जाता है। देवलोक में मंगलमुखियों को गीत गाने, नृत्य और नाटक करने के लिए इस्तेमाल किया जाता था। वे गंधर्वों के अधीन काम करते थे। मंगलमय मुख होने के कारण इन्हें मंगलमुखी कहा जाता है।

किसी काम पर जाते समय मंगलमुखी का मिलना शुभ माना जाता है। बच्चों को नजर लगने पर भी मंगलमुखियों के पास ले जाया जाता है। दुकानों में जाने वाली मंगलमुखी नींबू निचोड़कर तोड़ती हैं। कुछ दुकानदार खास मौकों पर मंगलमुखियों के आने का इंतजार करते हैं। ऐसे कई कारणों से मंगलमुखियों को भाग्यशाली माना जाता है। अर्धनारीश्वर तत्व के अंतर्गत मंगलमुखी आते हैं। समाज में मंगलमुखियों का ऊंचा स्थान है। अध्यात्मिक क्षेत्र में साधना करने के लिए भी मंगलमुखियों के पास ज्यादा अवसर होते हैं ऐसा श्री विद्याशंकर सरस्वती महास्वामीजी ने कहा है।

इनका शरीर शिव का होता है और इनके हाथों में अपार दैवीय शक्ति होती है। इसलिए मंगलमुखियों में अर्धनारीश्वर तत्व बहुत जागृत होता है। इसलिए अगर मंगलमुखी आपको पसंद करके आपके पास आकर पैसा/सिक्का दे तो उसे ले लेना चाहिए। नजर उतारने के लिए आएं तो मना नहीं करना चाहिए। शादी के मौके पर कुछ जगहों पर मंगलमुखियों को बुलाकर नवविवाहित जोड़े को आशीर्वाद दिलवाया जाता है।

मंगलमुखी द्वारा दिया गया पैसा क्या करें? 
मंगलमुखी द्वारा दिए गए पैसे को खर्च नहीं करना चाहिए। इसे जेब में ही रखना चाहिए। सिक्कों को घर में अलग से एक जगह इकट्ठा करते रहना चाहिए। ऐसा करने से आर्थिक रूप से मजबूत होते हैं, यह मान्यता है। सिक्के को दांतों से काटकर देने से लक्ष्मी आपके पास ही रहें, यही कामना मंगलमुखी निस्वार्थ भाव से करती हैं। लक्ष्मी को दर्द हो, पर कोई बात नहीं, अपने बच्चों के घर में ही रहें, इसी उद्देश्य से पैसे को शक्ति से भरे हाथ और चूड़ी से छुआकर, दांतों से काटकर देती हैं। यह पैसा देते समय मंगलमुखियों में मां जैसा प्रेम होता है।