सार

Navratri 2024: शारदीय नवरात्रि का सातवे दिन देवी कालरात्रि की पूजा का विधान है। देवी का ये रूप अत्यंत भयंकर है। देवी का ये रूप काल का भी नाश करने की क्षमता रखता है।

 

Navratri 2024 Devi Kalratri Puja Vidhi: इन दिनों शारदीय नवरात्रि का पर्व चल रहा है। 10 अक्टूबर, गुरुवार को नवरात्रि का सातवां दिन रहेगा। इस दिन देवी कालरात्रि की पूजा का विधान है। देवी कालरात्रि का स्वरूप बहुत विकराल है, जिसे देखकर राक्षस भी कांपने लगते हैं। देवी कालरात्रि की पूजा करने से शत्रुओं पर विजय मिलती है। आगे जानिए कैसा है देवी कालरात्रि की पूजा विधि,आरती सहित पूरी डिटेल…

10 अक्टूबर 2024 शुभ मुहूर्त (10 October 2024 shubh muhurat)
- सुबह 06:25 से 07:52 तक
- सुबह 07:52 से 09:19 तक
- सुबह 10:46 से दोपहर 12:14 तक
- दोपहर 03:08 से 04:35 तक
- शाम 04:35 से 06:02 तक

इस विधि से करें देवी कालरात्रि की पूजा (Devi Kalratri Ki Puja Vidhi-Mantra)
- 10 अक्टूबर, बुधवार को सुबह स्नान आदि करने के बाद व्रत-पूजा का संकल्प लें।
- घर में साफ स्थान पर चौकी स्थापित कर उसके ऊपर देवी कालरात्रि की तस्वीर रखें।
- सरसों के तेल का दीपक लगाएं, कुमकुम से तिलक करें और फूलों की माला पहनाएं।
- चावल, अबीर, गुलाल आदि चीजें एक-एक करके चढ़ाते रहें। गुड़ का भोग लगाएं।
- नीचे लिखे मंत्र का जाप करें और अंत में आरती करें-
एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता।
लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी॥
वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टक भूषणा।
वर्धन्मूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयंकरी॥

मां कालरात्रि की आरती (Devi Kalratri Ki Aarti)
कालरात्रि जय-जय-महाकाली। काल के मुंह से बचाने वाली॥
दुष्ट संघारक नाम तुम्हारा। महाचंडी तेरा अवतार॥
पृथ्वी और आकाश पे सारा। महाकाली है तेरा पसारा॥
खडग खप्पर रखने वाली। दुष्टों का लहू चखने वाली॥
कलकत्ता स्थान तुम्हारा। सब जगह देखूं तेरा नजारा॥
सभी देवता सब नर-नारी। गावें स्तुति सभी तुम्हारी॥
रक्तदंता और अन्नपूर्णा। कृपा करे तो कोई भी दुःख ना॥
ना कोई चिंता रहे बीमारी। ना कोई गम ना संकट भारी॥
उस पर कभी कष्ट ना आवें। महाकाली माँ जिसे बचाबे॥
तू भी भक्त प्रेम से कह। कालरात्रि माँ तेरी जय॥


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