मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को कालभैरव अष्टमी कहते हैं। इस दिन भगवान कालभैरव की पूजा की जाती है। धर्म शास्त्रों के अनुसार, भगवान शिव ने इसी दिन कालभैरव अवतार लिया था।
महात्मा विदुर महाभारत के प्रमुख पात्रों में से एक थे। विदुर धृतराष्ट्र के मंत्री भी थे और भाई भी। उन्होंने धृतराष्ट्र को युद्ध के परिणाम के बारे में पहले ही बता दिया था।
इस बार 18 नवंबर, सोमवार को पुष्य नक्षत्र होने से सोम पुष्य का शुभ योग बन रहा है। ये योग साल में कभी-कभी ही बनता है। इसलिए इसका विशेष महत्व है।
धर्म ग्रंथों के अनुसार, शनिदेव व भगवान हनुमान की आराधना से दुनिया का हर सुख प्राप्त किया जा सकता है। जहां शनि अच्छे कर्मों का फल देकर भक्त पर कृपा करते हैं, तो वहीं श्रीहनुमान की कृपा बल, बुद्धि, ज्ञान व सफलता के रूप में मिलती है।
वर्तमान समय में बेरोजगारी एक बहुत बड़ी समस्या है। कुछ साधारण उपाय करने से आपकी इस समस्या का समाधान हो सकता है।
हिंदू धर्म के 18 पुराणों में नारद पुराण का भी विशेष महत्व है। इस ग्रंथ में भी लाइफ मैनेजमेंट के अनेक सूत्र बताए गए हैं।
मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को काल भैरवाष्टमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन भगवान कालभैरव की पूजा की जाती है।
हिन्दी पंचांग का नवां माह अगहन 13 नवंबर से शुरू हो चुका है। ये माह 12 दिसंबर तक रहेगा। स्कंदपुराण के अनुसार, श्रीकृष्ण की कृपा पाने के लिए भक्तों को अगहन मास में व्रत-उपवास और विशेष पूजन आदि धर्म-कर्म करना चाहिए।
17 नवंबर, रविवार को सूर्य राशि बदलकर तुला से वृश्चिक में प्रवेश करेगा। सूर्य के इस राशि परिवर्तन से धर्म का प्रचार बढ़ेगा। जनता को मंहगाई से कुछ राहत मिलने की उम्मीद है।
आप जितना कमाते हैं उतना खर्च हो जाता है तो समझ लीजिए आपके घर में बरकत नहीं है। यानी आप कितना भी कमा लें, उसमें कुछ भी बचता नहीं है।