शारदीय नवरात्रि की द्वितिया तिथि (30 सितंबर) को मां ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है।
हिमाचल प्रदेश में कांगड़ा से 30 किलोमीटर दूर ज्वाला देवी का प्रसिद्ध मंदिर है।
वैसे तो भारत में देवी हिंगलाज के अनेक मित्र हैं, लेकिन मुख्य मंदिर पाकिस्तान के बलूचिस्तान में है।
इस बार 29 सितंबर, रविवार से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो रही है। यूं तो मां दुर्गा का वाहन सिंह है, लेकिन हर साल नवरात्रि के समय माता अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर धरती पर आती हैं।
मां शक्ति की आराधना का पर्व शारदीय नवरात्रि इस बार 29 सितंबर, रविवार से शुरू हो रही है, जो 7 अक्टूबर तक रहेगी।
इस बार 29 सितंबर से शारदीय नवरात्रि का आरंभ हो रहा है। ये हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है।
इस बार अश्विन मास की नवरात्रि 29 सितंबर से 7 अक्टूबर तक मनाई जाएगी। इसे शारदीय नवरात्रि भी कहते हैं। इस नवरात्रि में रोज देवी के विभिन्न स्वरूपों की पूजा की जाती है। नवरात्र में किस दिन देवी के कौन-से रूप की पूजा करें, जानिए
इस बार 28 सितंबर, शनिवार को अमावस्या होने से शनिश्चरी अमावस्या का योग बन रहा है।
हिंदू धर्म में हर वार एक देवता की पूजा के लिए विशेष रूप से नियत किया गया है। जैसे- सोमवार को भगवान शिव की पूजा करना अच्छा माना जाता है और मंगलवार को हनुमानजी की।
श्राद्ध पक्ष की अमावस्या को सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या कहते हैं। मान्यता है कि इस दिन सभी ज्ञात-अज्ञात पितरों का श्राद्ध करने से उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।