सार

Palmistry: हस्तरेखा विज्ञान में न सिर्फ हथेली की रेखाओं का अध्ययन किया जाता है बल्कि हथेली और अंगुलियों की बनावट, रूप-रंग आदि चीजों पर भी गौर किया जाता है। इसके आधार पर भी व्यक्ति के संभावित भविष्य के बारे में जाना जा सकता है।

 

उज्जैन. हस्तरेखा शास्त्र (Palmistry) में अंगुलियों का महत्वपूर्ण स्थान होता है। किसी भी व्यक्ति के हाथ के गहन अध्ययन द्वारा उस व्यक्ति के भूत, भविष्य और वर्तमान तीनों कालों के बारे में आसानी से बताया जा सकता है। एशियानेट हिंदी ने अपने पाठकों के लिए हस्तरेखा की एक सीरीज शुरू की है, हस्तरेखा से जानें भविष्य। इस सीरीज के अंतर्गत पहले हम आपको हथेली के प्रकार, अंगूठे व नाखून के आकार-प्रकार के बारे में बता चुके हैं। आज हम आपको अंगुलियों से जुड़ी खास बातें बता रहे हैं, जो इस प्रकार है…

1. हस्तरेखा शास्त्र में हर अंगुली को एक अलग नाम दिया गया है। इसके अनुसार, अंगूठे के पास वाली अंगुली को तर्जनी कहा जाता है। इसके आगे की अंगुली जो सबसे लंबी होती है, इसे मध्यमा, तीसरी अंगलुी को अनामिका और चौथी अंगुली को कनिष्ठिका कहते हैं।

2. इन चारों अंगुलियों के ठीक नीचे के स्थान को पर्वत कहा जाता है। इन पर्वतों का नाम ग्रहों से संबंधित हैं। तर्जनी के नीचे गुरु पर्वत, मध्यमा से नीचे शनि पर्वत, अनामिका के नीचे सूर्य पर्वत और कनिष्ठिका अंगुली के नीचे बुध पर्वत होता है।

3. हस्तरेखा के अनुसार, जिन लोगों के अंगुलियों के आगे के भाग नुकीले होते होते हैं, ऐसा व्यक्ति कला और साहित्य का प्रेमी तथा धार्मिक विचारों वाला होता है। काम करने की क्षमता इनमें कम होती है। ये कर्म से ज्यादा भाग्य पर विश्वास रखते हैं।

4. जिस लोगों की अंगुलियों की लंबाई अपेक्षाकृत अधिक होती है लोग दूसरों के काम में हस्तक्षेप अधिक करते हैं। साथ ही ये चतुर तथा नीतिज्ञ भी होते हैं। ये हर काम बड़ी चालाकी से करते हैं।

5. जिन लोगों की अंगुलियां अपेक्षाकृत छोटी होती हैं, ऐसे लोग समझदार होते हैं। समाज में इनका मान-सम्मान होता है। ये परिवार के प्रति समर्पित रहते हैं।

6. जिस व्यक्ति की अंगूठे के पास वाली अंगुली बहुत बड़ी होती है, ऐसा व्यक्ति तानाशाह प्रवृत्ति का होता है यानी ऐसे लोगों को दूसरों पर शासन करना अच्छा लगता है। ये कामचोर भी होते हैं और अपने काम दूसरे लोगों से करवाते हैं।

7. जिन लोगों की तर्जनी (अंगूठे के पास) और मध्यमा (सबसे बड़ी) अंगुलियों के बीच गेप होता है, ऐसे लोगों का बचपन गरीबी में गुजरता है। 35 वर्ष की उम्र के बाद इन्हें धन की प्राप्ति होती है और धन संपत्ति भी मिलती है।

8. यदि मध्यमा (सबसे बड़ी) और अनामिका (अंगूठे से तीसरे नंबर की) अंगुली के बीच गेप हो तो ऐसे व्यक्ति को जीवन के मध्य भाग में धन की कमी रहती है।

9. हस्तरेखा के अनुसार, अनामिका (अंगूठे से तीसरे नंबर की) और कनिष्ठा (सबसे छोटी) अंगुली के बीच गेप हो तो व्यक्ति को बूढ़ापे में सबसे अधिक परेशानी होती है।

10. जिस व्यक्ति की कनिष्ठिका (सबसे छोटी) टेढ़ी-मेढ़ी हो तो ऐसा व्यक्ति हर काम जल्दबाजी में करने वाला और बेईमान प्रवृत्ति का होता है।


लेखक परिचय
राजेन्द्र गुप्ता ज्योतिष जगत में एक जाना-पहचाना नाम है। आप वर्तमान में अजमेर (राजस्थान) में रहकर हस्तरेखा विषय पर निरंतर शोधपरक कार्य कर रहे हैं। आपने एम.ए. दर्शनशास्त्र में स्वर्णपदक प्राप्त किया है। साथ ही इतिहास और राजनीति शास्त्र विषयों पर भी आपने एम. ए. किया है। साहित्यागार प्रकाशन जयपुर से हिंदी व्याकरण पर आपकी तीन पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। रेडियो-टीवी पर भी आपकी कई खोजपरक रिपोर्ट और वार्ताएं प्रसारित हो चुकी हैं।



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