सार

Prayagraj Maha Kumbh 2025: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ 13 जनवरी से शुरू होने वाला है। इस महाकुंभ में साधु-संतों के साथ-साथ महिला नागा साधु भी शामिल होंगी। लोगों के लिए महिला नागा साधु बहुत ही आश्चर्य का विषय होती हैं।

 

Mahilaye Kaise Banti Hai Naga Sadhu: 13 जनवरी से प्रयागराज में महाकुंभ की शुरूआत होगी, जो 26 फरवरी को समाप्त होगा। इस दौरान लाखों साधु-संत पवित्र संगम स्थान पर डुबकी लगाएंगे। इन साधु-संतों के साथ महिला नागा साधु भी होंगी। महिला नागा साधु आमतौर पर लोगों के सामने नहीं जाती, ये सिर्फ कुंभ के दौरान ही सामने आती हैं। इनकी दिनचर्या बहुत ही रहस्यमयी होती है, जिन्हें कोई नहीं देख पाता। आगे जानिए महिलाएं कैसे बनती हैं नागा साधु…

पहले होती है जांच-पड़ताल

जो भी महिला नाग साधु बनना चाहती हैं वो जब किसी अखाड़े के पास जाती हैं तो पहले उस महिला के बारे में चांज-पड़ताल की जाती है और उसके परिवार के बारे में भी जानकारी ली जाती है। ये भी जाना जाता है कि वो क्यों नागा साधु बनना चाहती है। पूरी तरह संतुष्ट होने के बाद ही महिला को नागा साधु की दीक्षा दी जाती है।

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करना पड़ता है खुद का श्राद्ध-पिंडदान

कुंभ मेले के दौरान ही महिलाओं को नागा साधु की दीक्षा दी जाती है। इस दौरान अखाड़े के बड़े पदाधिकारी भी वहां होते हैं। सबसे पहले महिलाओं का मुंडन करवाया जाता है और पवित्र नदी में स्नान करवाया जाता है। इसके बाद साधु बनने की इच्छुक महिलाएं स्वयं का श्राद्ध और पिंडदान करती हैं। इसका उद्देश्य ये होता है कि अब तुम्हारा अपने परिवार से कोई संबंध नहीं है।

करना पड़ती है गुरु की सेवा

दीक्षा के बाद महिला नागा साधु अपने गुरु की सेवा करती हैं, जो आमतौर पर महिला ही होती है। लगभग 1 से 2 साल तक गुरु इन पर नजर रखता है और इनकी हर तरह से परीक्षा लेता है। गुरु जब अपने इन शिष्याओं की सेवा से संतुष्ट हो जाता है तो फिर इन्हें मंत्र देता है। इस मंत्र का जाप इन महिला साधुओं को करना पड़ता है।


महिला नागा साधुओं के नियम

1. महिला नागा साधुओं को अपने अखाड़े में ही रहना पड़ता है। किसी भी स्थिति में वे अखाड़े से बाहर नहीं जा सकती है।
2. गुरु द्वारा दिए गए मंत्र का जाप करना सबसे जरूरी नियम है। इस गुरु मंत्र को किसी अन्य को नहीं बता सकते।
3. महिला नागा पूरी तरह से निर्वस्त्र नहीं हो सकतीं। इन्हें एक बिना सीला हुआ कपड़ा शरीर पर लपेटना होता है। ये भगवा रंग का होता है।
4. किसी भी मौसम में महिला नागा साधुओं को सिर्फ एक ही वस्त्र पहनने की अनुमति होती है। इससे ज्यादा नहीं।
5. अखाड़े के नियम के अनुसार ही खाना, सोना होता है। इन नियमों को न मानने पर इन्हें अखाड़े से बाहर निकाल दिया जाता है।


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