सावन में घर पर शिवलिंग की पूजा करते समय कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक है। जानिए शिवलिंग की संख्या, आकार और खंडित होने पर क्या करें।

Shivling Puja Ke Niyam: महादेव की भक्ति का महीना सावन 22 जुलाई से शुरू हो चुका है जो 19 अगस्त तक रहेगा। इस महीने में शिवलिंग पर जल चढ़ाने का विशेष महत्व है। कुछ लोग अपने घर पर ही शिवलिंग स्थापित कर रोज इसकी पूजा करते हैं। शिवलिंग पूजा से जुड़े अनेक नियम हमारे धर्म ग्रंथों में बताए गए हैं। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार, घर में शिवलिंग की पूजा करते समय कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। आगे जानिए इन बातों के बारे में…

कितने पूजा स्थान पर कितने शिवलिंग रखें?
पं. मनीष शर्मा के अनुसार, घर में पूजा स्थान पर एक से ज्यादा शिवलिंग नहीं रखने चाहिए, ऐसा धर्म ग्रंथों में बताया गया है। शिवलिंग ऊर्जा का केंद्र होते हैं। जब हम एक से अधिक शिवलिंग एक ही जगह पर रखते हैं तो इनकी ऊर्जा में टकराहट होती है, जिसका असर घर के वास्तु पर होता है। इसलिए एक ही पूजा स्थान पर एक से अधिक शिवलिंग रखने की मनाही है।

घर में रखे शिवलिंग का आकार कितना होना चाहिए?
शिवपुराण के अनुसार, घर में अंगुष्ठ मात्र यानी हाथ के अंगूठे के बराबर का शिवलिंग रखना चाहिए। इससे अधिक बड़ा शिवलिंग घर में रखने की मनाही है। शिवपुराण के अनुसार, शिवलिंग के साथ ही यदि देवी पार्वती, गणेश जी, कार्तिकेय स्वामी और नंदी की प्रतिमा भी रखें तो और भी अधिक शुभ फल मिलते हैं।

शिवलिंग खंडित हो जाए तो क्या करें?
विद्वानों के के अनुसार, यदि किसी कारण शिवलिंग खंडित हो जाए तो उसकी पूजा नहीं करनी चाहिए। खंडित शिवलिंग को नदी में प्रवाहित कर उसके स्थान पर नए शिवलिंग की स्थापना करनी चाहिए। खंडित शिवलिंग की पूजा करने से घर में दोष पैदा होता है और इसका बुरा असर घर में रहने वाले लोगों पर किसी न किसी रूप में दिखाई देता है।


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