सार
Shani Myth: इस बार शनि जयंती का पर्व 19 मई, शुक्रवार को मनाया जाएगा। इस दिन सभी प्रमुख शनि मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना आदि की जाती है। मान्यता है कि इस दिन किए गए उपायों से शनिदेव जल्दी ही प्रसन्न हो जाते हैं।
उज्जैन. शनिदेव का नाम सुनते ही मन में अचानक डर का अनुभव होने लगता है, इसका कारण शनिदेव से जुड़े मिथ। जैसे कहा जाता है कि शनिदेव (Shani Myth) की नजर जिस पर भी पढ़ती है, उसके बुरे दिन शुरू हो जाते हैं। इसके अलावा शनिदेव से जुड़ी और भी कई मान्यताएं हमारे समाज में प्रचलित हैं। (Shani Jayanti 2023) इन मान्यताओं के पीछे धार्मिक, ज्योतिष और मनोवैज्ञानिक पक्ष छिपे हैं। शनि जयंती (19 मई, शुक्रवार) के मौके पर हम आप आपको शनिदेव से जुड़े कुछ ऐसे ही मिथकों और उनके पीछे तथ्यों के बारे में बता रहे हैं, जो इस प्रकार है…
शनि की नजर अशुभ क्यों? (Shani Ki Najar Ashubh Kyo)
मान्यता है कि शनिदेव की नजर अशुभ फल देती है और जिस पर भी ये नजर पड़ती है, उसके बुरे दिन शुरू हो जाते हैं। ये मान्यता का आधार धर्म ग्रंथों में बताई गई एक कथा है। उसके अनुसार, एक बार शनिदेव की पत्नी मिलन की इच्छा से उनके पास आई, लेकिन उस समय शनिदेव तपस्या में लीन थे। जब शनिदेव की तपस्या भंग हुई, तब तक उनकी पत्नी का ऋतुकाल जा चुका था। क्रोधित होकर पत्नी ने शनिदेव को श्राप दिया है उनकी नजर जिस पर भी पढ़ेगी, उसके बुरे दिन शुरू हो जाएंगे।
क्या शनि हमेशा अशुभ फल ही देते हैं? (Shani Ashubh Fal Hi Kyo Dete Hai)
शनिदेव से जुड़ी एक मान्यता ये भी है कि शनिदेव हमेशा अशुभ फल ही देते हैं, जो कि पूरी तरह से निराधा है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, शनिदेव हर व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार ही फल प्रदान करते हैं यानी अच्छे काम करने वालों को शुभ फल देते हैं और बुरे काम करने वालों को अशुभ फल देते हैं। यही कारण है कि शनिदेव को न्यायाधीश यानी न्याय करने वाले कहा जाता है।
शनिवार को तेल, जूते-चप्पल आदि न खरीदें? (Myth Of Shaniwar)
शनिवार के स्वामी शनिदेव है। मान्यता है कि शनिवार को तेल, लोहे का कोई सामान और जूते-चप्पल आदि नहीं खरीदना चाहिए। इस मान्यता से जुड़ा कोई कारण नहीं है सिर्फ एक मनोवैज्ञानिक पक्ष है कि ये सभी चीजें शनिदेव से संबंधित हैं। जो कोई भी व्यक्ति शनिवार को ये चीजें खरीदता है तो शनिदेव उस पर नाराज हो जाते हैं और अशुभ फल देने लगते हैं।
शनिवार को जूते-चप्पल चोरी होना शुभ क्यों मानते हैं? (Shaniwar Se Judi Manytaye)
शनिवार शनिदेव का दिन है। इस दिन से जुड़ी एक मान्यता ये भी है कि अगर शनिवार को किसी के जूते-चप्पल चोरी हो जाएं तो समझना चाहिए कि बुरा समय टल गया है। हालांकि इस मान्यता के पीछे भी कोई ठोस कारण नहीं सिर्फ मनोवैज्ञानिक पक्ष ही है। किसी धर्म ग्रंथ या ज्योतिष शास्त्र में इस तरह की कोई बात नहीं कही गई है।
सामने खड़े होकर नहीं करना चाहिए शनिदेव के दर्शन? (Shanidev Ke Darshan Kaise Kare)
शनिदेव से जुड़ा एक मिथक ये भी है कि जब भी मंदिर में शनिदेव की प्रतिमा के दर्शन करें तो ठीक सामने खड़े होने की बजाए थोड़ा अलग हटकर दर्शन करना चाहिए। इसके पीछे मान्यता है कि शनिदेव की दृष्टि में दोष है, जिस पर भी शनि की दृष्टि पड़ती है, उसके साथ कुछ बुरा होने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए शनिदेव की प्रतिमा के ठीक सामने खड़े न होकर थोड़ा अलग होकर दर्शन करना चाहिए।
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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें। आर्टिकल पर भरोसा करके अगर आप कुछ उपाय या अन्य कोई कार्य करना चाहते हैं तो इसके लिए आप स्वतः जिम्मेदार होंगे। हम इसके लिए उत्तरदायी नहीं होंगे।