Sharad Purnima 2025: शरद पूर्णिमा पर देवी लक्ष्मी की पूजा करने की परंपरा है। इस दिन देवी लक्ष्मी के 108 नामों का जाप किया जाए तो हर मनोकामना पूरी हो सकती है और पैसों की तंगी भी दूर हो सकती है।
Sharad Purnima Upay: इस बार शरद पूर्णिमा का पर्व 6 अक्टूबर, सोमवार को मनाया जाएगा। इस दिन देवी लक्ष्मी की पूजा करने की परंपरा की जाती है। मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात देवी लक्ष्मी पृथ्वी पर आती हैं और जो जाग रहा होता है, उसके घर में निवास करती हैं। ऐसे व्यक्ति को फिर कभी पैसों की तंगी नहीं होती। शरद पूर्णिमा पर यदि देवी लक्ष्मी के 108 नामों का जाप विधि-विधान से किया जाए तो और भी अधिक शुभ फल मिलते हैं। आगे जानिए कैसे करें देवी लक्ष्मी के नामों का जाप…
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कैसे करें देवी लक्ष्मी का नाम जाप?
- सबसे पहले देवी लक्ष्मी का चित्र या प्रतिमा किसी साफ स्थान पर स्थापित करें। देवी के चित्र के सामने शुद्ध घी का दीपक जलाएं।
- देवी लक्ष्मी के चित्र के सामने आसन लगाकर बैठकर जाएं। मंत्र जाप के लिए कमलगट्टे की माला का उपयोग करें।
- ध्यान रखें जब तक आप नाम जाप करते रहें, तब तक दीपक जलते रहना चाहिए। कम से कम 108 बार नाम जप जरूर करें।
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लक्ष्मी जी के 108 नाम
1. सुरभि
2. परमात्मिका
3. वाचि
4. पद्मा
5. शुचि
6. प्रकृती
7. विकृती
8. विद्या
9. सर्वभूतहितप्रदा
10. श्रद्धा
11. विभूति
12. आदित्य
13. दित्य
14. दीपायै
15. वसुधा
16. वसुधारिणी
17. कमलसम्भवा
18. कान्ता
19. कामाक्षी
20. स्वाहा
21. स्वधा
22. सुधा
23. धन्या
24. हिरण्मयी
25. लक्ष्मी
26. नित्यपुष्टा
27. विभा
28. अमृता
29. दीप्ता
30. लोकशोकविनाशि
31. धर्मनिलया
32. करुणा
33. क्ष्रीरोधसंभवा, क्रोधसंभवा
34. अनुग्रहप्रदा
35. बुध्दि
36. अनघा
37. हरिवल्लभि
38. अशोका
39. रमा
40. पद्ममालाधरा
41. देवी
42. पद्मिनी
43. पद्मगन्धिनी
44. लोकमात्रि
45. पद्मप्रिया
46. पद्महस्ता
47. पद्माक्ष्या
48. पद्मसुन्दरी
49. पद्मोद्भवा
50. पद्ममुखी
51. पद्मनाभाप्रिया
52. चतुर्भुजा
53. चन्द्ररूपा
54. इन्दिरा
55. इन्दुशीतला
56. आह्लादजननी
57. पुष्टि
58. शिवा
59. शिवकरी
60. सत्या
61. विमला
62. विश्वजननी
63. तुष्टि
64. दारिद्र्यनाशिनी
65. प्रीतिपुष्करिणी
66. शान्ता
67. शुक्लमाल्यांबरा
68. पुण्यगन्धा
69. सुप्रसन्ना
70. प्रसादाभिमुखी
71. प्रभा
72. चन्द्रवदना
73. चन्द्रा
74. चन्द्रसहोदरी
75. हेममालिनी
76. धनधान्यकी
77. सिध्दि
78. स्त्रैणसौम्या
79. जया
80. मंगला देवी
81. श्री
82. भस्करि
83. बिल्वनिलया
84. वरारोहा
85. यशस्विनी
86. वसुन्धरा
87. उदारांगा
88. हरिणी
89. हिरण्यप्राकारा
90. भुवनेश्वरी
91. दारिद्र्यध्वंसिनी
92. देवी
93. सर्वोपद्रव वारिणी
94. नवदुर्गा
95. महाकाली
96. ब्रह्माविष्णुशिवात्मिका
97. त्रिकालज्ञानसम्पन्ना
98. शुभप्रदा
99. नृपवेश्मगतानन्दा
100. वरलक्ष्मी
101. वसुप्रदा
102. शुभा
103. विष्णुवक्षस्स्थलस्थिता
104. विष्णुपत्नी
105. प्रसन्नाक्षी
106. नारायणसमाश्रिता
107. समुद्रतनया
108. पद्मलया
