सार

Surya Grahan 2023 in india sutak time: साल 2023 का अंतिम सूर्यग्रहण अक्टूबर में होने जा रहा है। ये ग्रहण कईं मायनों में काफी खास रहेगा। वैज्ञानिकों ने इस सूर्यग्रहण को रिंग ऑफ फायर नाम दिया है। यहां जानें ग्रहण से जुड़ी पूरी डिटेल

 

Solar Eclipse 2023 sutak Kaal timing: सूर्य ग्रहण एक आम खगोलिय घटना है, लेकिन हमारे देश में इसे धर्म और ज्योतिष से जोड़कर देखा जाता है, इसलिए इसका यहां काफी अधिक महत्व माना गया है। इस बार साल 2023 का अंतिम सूर्यग्रहण 14 अक्टूबर, शनिवार को होने जा रहा है। वैज्ञानिकों ने इसे रिंग ऑफ फायर नाम दिया है। आगे जानिए इस ग्रहण क सूतक काल कब से कब तक रहेगा और इससे जुड़ी हर खास बात…

178 साल बाद बना ये दुर्लभ संयोग (Solar Eclipse 2023 On Sarvapitra Amavasya)
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, इस बार 14 अक्टूबर, शनिवार को आश्विन मास की अमावस्या पर साल 2023 का अंतिम सूर्य ग्रहण होगा। ये श्राद्ध पक्ष की अमावस्या होती है, जिसे सर्वपितृ अमावस्या भी कहते हैं। ये तिथि पितरों के श्राद्ध –तर्पण आदि के लिए बहुत खास मानी गई है। सर्वपितृ अमावस्या पर सूर्यग्रहण का संयोग इसके पहले साल 1845 में बना था यानी 178 साल पहले।

कब से कब तक रहेगा सूतक काल? (Solar Eclipse 2023 In India Date and Time)
14 अक्टूबर, शनिवार को सूर्य ग्रहण रात 08:34 से शुरू होगा और रात 02:25 पर ये समाप्त हो जाएगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्यग्रहण का सूतक 12 घंटे पहले से शुरू हो जाता है। इस हिसाब से इस सूर्यग्रहण का सूतक काल सुबह 08.34 से शुरू हो जाएगा। ये ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। जिन देशों में ये ग्रहण दिखाई देगा सिर्फ वहीं इसके सूतक आदि नियम मान्य होंगे।

क्या होता है सूतक काल? (Kya Hota Hai Sutak Kaal)
ग्रहण के सूतक काल की मान्यता सिर्फ भारत में ही है। इसके अनुसार, किसी भी ग्रहण के आरंभ होने से पहले ही उसका अशुभ प्रभाव शुरू हो जाता है। ज्योतिषियों के अनुसार, चंद्रग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले और सूर्यग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पहले से शुरू हो जाता है। सूतक काल के दौरान कईं नियमों का पालन करना पड़ता है। इसे अशुभ समय माना जाता है।

 

ये भी पढ़ें-

Shardiya Navratri 2023: 10 शुभ योगों में शुरू होगी नवरात्रि, मां दुर्गा की कृपा से ये 4 राशि वाले हो सकते हैं मालामाल


Navratri 2023: किस वाहन पर सवार होकर आ रही हैं मां दुर्गा-किस वाहन पर जाएंगी, शुभ-अशुभ संकेत?


Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।