सूर्य ग्रहण एक अद्भुत खगोलीय घटना है, जिसे धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों ही दृष्टिकोणों से महत्वपूर्ण माना जाता है। ग्रहण के दौरान सोना अशुभ माना जाता है और इससे स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। 

Surya Grahan Myths: आज साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण है। यह आंशिक सूर्य ग्रहण होगा और भारत में इसकी छाया आंशिक रूप से ही दिखाई देगी। ग्रहण एक अद्भुत खगोलीय घटना है, जिसका धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों ही दृष्टिकोणों से विशेष महत्व है। ग्रहण के दौरान कुछ नियमों का पालन करने की सलाह दी जाती है। इन्हीं नियमों में से एक है कि ग्रहण के दौरान सोना नहीं चाहिए। लेकिन क्या ये कारण केवल धार्मिक हैं या विज्ञान भी कुछ कहता है? आइए इस लेख में जानें।

ग्रहण क्या है?

ग्रहण एक खगोलीय घटना है जो तब होती है जब कोई खगोलीय पिंड किसी अन्य खगोलीय पिंड के प्रकाश को आंशिक या पूर्ण रूप से अवरुद्ध कर देता है। सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है, जिससे सूर्य का प्रकाश पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाता।

ग्रहण के दौरान सोना क्यों नहीं चाहिए?

धार्मिक और ज्योतिषीय मान्यताएं

  • भारतीय शास्त्रों में ग्रहण को अशुभ समय माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दौरान नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ जाता है।
  • नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव: शास्त्रों के अनुसार, ग्रहण के दौरान वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा अधिक सक्रिय हो जाती है। इस दौरान सोने से व्यक्ति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, जिससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
  • पाप और दोष: कुछ धार्मिक ग्रंथों में कहा गया है कि ग्रहण के दौरान सोने से पाप लग सकते हैं। यह समय पूजा, जप और ध्यान के लिए सर्वोत्तम माना जाता है। इसलिए, इस समय का बुद्धिमानी से उपयोग करने की सलाह दी जाती है।
  • स्वास्थ्य पर प्रभाव: ज्योतिष के अनुसार, ग्रहण हमारी मानसिक और शारीरिक स्थिति को भी प्रभावित करते हैं। इसलिए, इस दौरान आराम करने के बजाय, सावधानी बरतना आवश्यक है।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण

हालांकि विज्ञान ने ग्रहण के दौरान सोने के लाभों के बारे में कोई प्रत्यक्ष और ठोस प्रमाण नहीं दिया है, फिर भी कुछ वैज्ञानिक तर्क इस मान्यता का समर्थन कर सकते हैं।

सौर विकिरण में कमी

सूर्य ग्रहण के दौरान, सूर्य की किरणें पृथ्वी तक पूरी तरह नहीं पहुंच पाती हैं। इससे शरीर की जैविक घड़ी प्रभावित हो सकती है और नींद के पैटर्न में बदलाव आ सकता है।

ये भी पढ़ें- Solar Eclipse: साल का आखिरी Surya Grahan 2025 आज, भारत में कितना होगा प्रभाव?

मानसिक और शारीरिक प्रभाव

ग्रहण के दौरान, व्यक्ति को हल्का भय, बेचैनी और अस्पष्टीकृत तनाव का अनुभव होता है। इस समय सोने से मानसिक अस्थिरता हो सकती है।

ग्रहण के दौरान क्या करना चाहिए?

  • यदि आप धार्मिक मान्यताओं को मानते हैं, तो ग्रहण के दौरान सोने के बजाय निम्नलिखित कार्य करना उचित है
  • प्रार्थना और जप: इस समय प्रार्थना, मंत्र जाप और ध्यान करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
  • दान: ग्रहण के बाद स्नान और दान करना चाहिए। इससे ग्रहण के दुष्प्रभाव कम होते हैं।
  • सावधानी: गर्भवती महिलाओं और बच्चों को ग्रहण के दौरान विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।
  • भोजन न करें: ग्रहण के दौरान भोजन करने से बचना चाहिए।

ये भी पढ़ें- Surya Grahan 2025: क्या भारत में दिखेगा 21 सितंबर का सूर्य ग्रहण? जानें 5 जरूरी बातें

Disclaimer: इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।