सार

Tirupati Temple News: विश्व प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर में अब भक्तों की पहचान चेहरे के जरिए की जा सकेगी, इसके लिए मंदिर प्रबंधन ने फेशियल रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी का उपयोग करने का फैसला किया है। इस टेक्नोलॉजी का उपयोग 1 मार्च से किया जाने लगेगा।

 

उज्जैन. आंध्र प्रदेश के विश्व प्रसिद्ध मंदिर तिरुपति बालाजी में 1 मार्च 2023 से नई टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाएगा, जिसके माध्यम से किसी भी व्यक्ति को चेहरे के माध्यम से तुरंत पहचान लिया जाएगा। (Tirupati Temple News) इस टेक्नोलॉजी को फेशियल रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी कहा जाता है। मंदिर में इस टेक्नोलॉजी के उपयोग करने के पीछे यहां आने वाले तीर्थयात्रियों को अधिक प्रभावी सेवा प्रदान करना है।

मंदिर प्रबंधन ने क्यों लिया ये फैसला?
TTD (तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम) ने फैसला लिया है कि 1 मार्च से यहां आने वाले तीर्थयात्रियों की पहचान फेशियल रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी से की जाएगी। ऐसा इसलिए किया जाएगा ताकि यहां आने वाला यहां आने वाले भक्त 'सर्व दर्शन कॉम्प्लेक्स और कॉशन डिपॉजिट रिफंड काउंटर' पर अधिक टोकन न ले सकें। ऐसा करने पर उनकी पहचान तुरंत कर ली जाएगी।

ये है भारत का सबसे अमीर मंदिर
वैसे तो हमारे देश में ऐसे मंदिर हैं, जिनके पास करोड़ों रुपए की धन-संपत्ति है, लेकिन इन सभी में तिरुपति बालाजी मंदिर का नाम सबसे ऊपर लिया जाता है। इसे देश का सबसे अमीर मंदिर भी कहा जाता है। यहां कई ऐसी परंपराओं का पालन किया जाता है जो अन्य किसी मंदिर में नहीं निभाई जाती। भगवान तिरुपति के दर्शन से पहले कपिल तीर्थ पर स्नान करके कपिलेश्वर के दर्शन करना अनिवार्य माना जाता है और फिर तिरुपति के दर्शन के बाद तिरुण्चानूर जाकर पद्मावती के दर्शन करने की पंरापरा है।

यहां अपने बाल दान करने की परंपरा भी सबसे अलग
देश के अनेक मंदिरों में दान के रूप में अलग-अलग चीजें चढ़ाई जाती हैं, लेकिन तिरुपति बालाजी मंदिर में बाल दान करने की परंपरा है। इस परंपरा से जुड़ी कई कथाएं और मान्यताएं प्रचलित हैं। ऐसा कहते हैं कि जो व्यक्ति यहां आकर अपने बाल दान करता है वो अपने बालों के रूप में पापों और बुराइयों को भी इसी जगह पर छोड़ जाता है।


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